जोनल प्लान में मास्टर प्लान के विपरित जिला स्तर पर किए गए भू-उपयोग परिवर्तनों पर सरकार ने लगाई मुहर

Update: 2023-06-15 17:01 GMT

जयपुर। नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग ने जोनल प्लान में जिला स्तर पर अब तक किए गए भू-उपयोग परिवर्तन के मामलों पर मुहर लगा दी है। गुरुवार को जारी एक आदेश में प्रशासन शहरों के संग अभियान अवधि में प्रकरणों के जल्दी निस्तारण के उद्देश्य से इस तरह के मामलों में छूट दी गई है।

आदेश के मुताबिक ऐसे सभी पट्टेशुदा एवं आबादी के भूखंडों का अगर भू उपयोग मास्टर प्लान/जोनल प्लान के अनुरूप है तो भू- उपयोग परिवर्तन, राय एवं भू-उपयोग परिवर्तन समिति में रखने की जरूरत नहीं है। बल्कि विज्ञप्ति जारी कर ऐसे क्षेत्रफल के समस्त भूखंडों का भू-उपयोग परिवर्तन अभियान अवधि में सक्षम अधिकारी द्वारा शुल्क लेकर भू- उपयोग परिवर्तन किया जा सकेगा।

उल्लेखनीय है कि श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा, अलवर, हनुमानगढ़ के जोनल प्लान में सैकडों एकड़ भूमि का भू- उपयोग परिवर्तन मास्टर प्लान के विपरीत जिला स्तर पर ही कर दिया गया था। इससे जहां राज्य सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हुई।

वहीं भूखंड मालिकों के वारे-न्यारे हो गए थे। अब इस आदेश के तहत ऐसे सभी भूखंडों पर पट्टे दिया जाना अथवा जिनके पट्टे जारी हो चुके हैं, उनका भू- उपयोग मास्टर प्लान और जोनल प्लान में अलग-अलग है तो पट्टा लेने वाले की इच्छानुसार भू-उपयोग माना जा सकता है।

आदेश से नगरीय निकायों में बनी भ्रम की स्थितिः

इससे नगरीय निकायों में विरोधाभास की स्थिति बन रही है। क्योंकि उनको यह समझ नहीं आ रहा है कि पट्टाशुदा कौन-सा माना जाएगा। सोसाइटी का, सरकार का या बिल्डर का। इधर, नगर नियोजकों का कहना है कि भू- उपयोग तो अधिसूचित मास्टर प्लान वाला ही मान्य होगा।

इधर, इस बारे में जब नगरीय विकास विभाग की संयुक्त सचिव प्रथम संचिता विश्नोई से बात की गई तो उनका कहना था कि मौके पर जो भी लैंड यूज होगा, वह मास्टर प्लान अथवा जोनल प्लान के अनुसार माना जाएगा। अधिक जानकारी विभागीय टाउन प्लानर ही दे पाएंगे।

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