Sawai Madhopur सवाई माधोपुर: जिले में गुरुवार को हुई भारी बारिश से जिले में न केवल बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ, बल्कि मानवीय संवेदना को झकझोर कर रख देने वाली तस्वीर भी इस दौरान देखने को मिली। राजस्थान के आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के विधानसभा क्षेत्र के जिला मुख्यालय सवाई माधोपुर की यह तस्वीर स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के मुंह पर तमाचा है, जो विकास के वादे तो हजार करते हैं पर लाखों-करोड़ों खर्च करने के बाद भी धरातल पर विकास नजर नहीं आता और लोगों को श्मशान तक सही-सलामत शवयात्रा ले जाने के लिए भी भारी ज द्दोजहद करनी पड़ती है।
कल सवाई माधोपुर में हुई भारी बारिश के कारण सभी नदी-नाले ऊफान पर रहे, इसी दौरान जिला मुख्यालय के पुराने शहर स्थित भेरू दरवाजा के समीप विनोबा बस्ती में एक व्यक्ति की प्राकृतिक रूप से मौत हो गई। समय पर बारिश नहीं रुकने की वजह से शव को श्मशान तक ले जाना और फिर शव का अंतिम संस्कार करना परिजनों की मजबूरी बन गया लेकिन श्मशान के रास्ते मे पड़ने वाले लटिया नाले में बारिश का पानी इस कदर ऊफान पर था कि लोगों का शवयात्रा लेकर वहां तक पहुंचना मुश्किल था, फिर भी लोगों ने हिम्मत जुटाई और ऊफनते लटिया नाले से अपनी जान जोखिम में डालकर अर्थी लेकर गए। इस बीच कई जगहों पर शव अर्थी से गिरते-गिरते बचा लेकिन शवयात्रा में शामिल लोगों ने एक-दूसरे का हाथ मजबूती से थामा और जैसे-तैसे नाले को पार कर अंतिम संस्कार किया।
वार्ड नं 23 विनोबा बस्ती की पार्षद मेघा वर्मा का कहना था कि विनोबा बस्ती से श्मशान तक जाने वाले रास्ते मे बीच में लटिया नाले पर आज तक कोई पुलिया नहीं बनी है, ऐसे में बारिश के दौरान अगर विनोबा बस्ती के किसी घर में मौत हो जाती है तो बस्तीवासियों को शव के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान तक जाने में इसी तरह कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। पार्षद का कहना है कि विनोबा बस्ती के लोगों के लिए ये एक बहुत बड़ी समस्या है, जिसे लेकर जिला प्रशासन सहित सभी अधिकारियों और विधायकों को कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन अब तक किसी ने भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया है।
बड़ी बात ये है कि सवाई माधोपुर विधायक डॉ. किरोड़ीलाल मीणा प्रदेश के आपदा राहत एवं प्रबन्धन मंत्री है और उनके विधानसभा जिला मुख्यालय के हालात ये हैं। चाहे उन्होंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे रखा हो लेकिन क्षेत्र के विधायक होने के नाते अपने विधानसभा क्षेत्र में इस तरह की समस्याओं से निजात दिलाना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है।