पहला अंतरराज्यीय स्थानांतरण कार्यक्रम रणथंभौर में होगा
NTCA (नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथॉरिटी) की ओर से अनुमति भी दे दी गई
सवाई माधोपुर: राज्य सरकार की ओर से रणथम्भौर में महाराष्ट्र और उत्तराखण्ड से बाघ लाने की कवायद की जा रही है। इसे लेकर NTCA (नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथॉरिटी) की ओर से अनुमति भी दे दी गई है। जिसके बाद जल्द ही इसका काम शुरू किया जाएगा।
राजस्थान में सौ से अधिक बाघ-बाघिन और शावकों की आबादी है, लेकिन राजस्थान के बाघ बाघिनों में इनब्रीडिंग की एक बड़ी समस्या है। दरअसल, वर्तमान समय में प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में रणथम्भौर के ही बाघ-बाघिन है। प्रदेश के सरिस्का, मुकुंदरा, करौली-धौलपुर और बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में में रणथम्भौर के ही बाघ-बाघिन है। रणथम्भौर के बाघ बाघिन ही प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व को आबाद कर रहे हैं।
रणथम्भौर में होगा प्रदेश का पहला इंटर स्टेट ट्रांसलोकेशन कार्यक्रम
वन विभाग की जानकारी के अनुसार इस साल के आखिर तक का पहला इंटर स्टेट ट्रांसलोकेशन कार्यक्रम रणथम्भौर में किया जाएगा। जिसके तहत महाराष्ट्र व उत्तराखण्ड से बाघों को रणथम्भौर लाया जाएगा। इसके लिए दोनों ही राज्यों को पूर्व में प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जिसके बाद अब रणथम्भौर में बाघ लाए जाएंगे। इन बाघों की रणथम्भौर और मुकंदरा की बाघिनों के साथ ब्रीडिंग कराई जाएगी। बाघों के कुनबे में इजाफा होने के बाद बाघों को प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं मामले को लेकर रणथम्भौर के CCF अनूप के आर का कहना है कि इसे लेकर जयपुर में योजना बनाई गई है। जिसपर उच्चस्तर पर काम किया जा रहा है।