राजसमंद और नाथद्वारा में पानी शुद्ध करने वाले फिल्टर प्लांट भी अब हांफने लगे

फिल्टर प्लांट अपनी क्षमता से दो से तीन एमएलडी ज्यादा पानी फिल्टर कर रहा

Update: 2024-05-01 06:13 GMT

राजसमंद: राजसमंद और नाथद्वारा में पानी शुद्ध करने वाले फिल्टर प्लांट भी अब हांफने लगे हैं. स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय पर बना फिल्टर प्लांट अपनी क्षमता से डेढ़ एमएलडी और नाथद्वारा के बाघेरी का नाका पर बना फिल्टर प्लांट अपनी क्षमता से दो से तीन एमएलडी ज्यादा पानी फिल्टर कर रहा है। जिले को प्रतिदिन 87 एमएलडी पानी की आपूर्ति की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में केवल 71 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है। हालांकि, नाथद्वारा में नए फिल्टर प्लांट पर काम चल रहा है।

जिला मुख्यालय को राजसमंद झील से पानी की आपूर्ति की जाती है। यहां से पानी तुलसी साधना शिखर पर बने फिल्टर प्लांट तक पहुंचाया जाता है। वहां दो फिल्टर प्लांट बनाए गए हैं। इनमें से एक पुराना होने के कारण बंद है, जबकि दूसरे फिल्टर प्लांट से पानी फिल्टर किया जाता है। इसकी क्षमता 15 एमएलडी है, जबकि यह प्रतिदिन 16.50 एमएलडी से ज्यादा पानी फिल्टर कर रहा है। इसी तरह नाथद्वारा में बाघेरी का नाका पर बने फिल्टर प्लांट की क्षमता 6 एमएलडी है, जबकि इससे 7-8 एमएलडी पानी फिल्टर किया जा रहा है. नाथद्वारा में नये फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य प्रगति पर है। फिल्टर प्लांटों पर ओवरलोडिंग पानी की शुद्धता पर सवालिया निशान लगाती है। हालांकि जल विभाग का दावा है कि फिल्टर पानी की नियमित सैंपलिंग की जाती है। इसके अलावा भूमिगत जल स्रोतों से भी पानी की आपूर्ति की जाती है। गौरतलब है कि गर्मी बढ़ने के साथ-साथ पानी की मांग भी बढ़ती जा रही है.

फिल्टर प्लांट का काम 2025 तक पूरा हो जाएगा: नाथद्वारा में रुडिफ द्वारा नये फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसमें पूरे प्रोजेक्ट का 30 फीसदी और सिविल वर्क 50 फीसदी पूरा हो चुका है. इसका शासनादेश दिसंबर 2022 में जारी किया गया था. उक्त कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाना है। फिल्टर प्लांट के निर्माण समेत अन्य कार्यों पर करीब 105 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसकी क्षमता 11 एमएलडी है.

जिले की आबादी करीब 13 लाख है: जानकारों के मुताबिक राजसमंद, नाथद्वारा, देवगढ़ और आमेट निकायों की आबादी करीब 2.50 लाख है, जबकि ग्रामीण इलाकों की आबादी करीब 11 लाख है. जलदाय विभाग के अनुसार शहरी क्षेत्र में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 100 लीटर और ग्रामीण क्षेत्र में 55 लीटर पानी उपलब्ध है। ऐसे में जिले की पूरी आबादी को करीब 87 एमएलडी पानी की जरूरत है, लेकिन सतही जल की कमी के कारण करीब 71 एमएलडी पानी की ही आपूर्ति हो पा रही है.

देवगढ़ एवं आमेट में भूजल आपूर्ति: राजसमंद जिला मुख्यालय पर राजसमंद झील से जलापूर्ति होती है। वहीं, एक ट्यूबवेल, एक कुआं, 55 ट्यूबवेल और 406 हैंडपंप का पानी इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी प्रकार, नाथद्वारा को नंदसमंद झील से पानी की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा 12 ट्यूबवेल, 5 कुएं, 60 सिंगल फेज और 90 हैंडपंप का उपयोग किया जा रहा है। देवगढ़ में एक ट्यूबवेल, 5 कुएं, 12 सिंगल फेज व 126 हैंडपंप तथा आमेट में 2 ट्यूबवेल, 5 कुएं, 10 सिंगल फेज व 126 हैंडपंप प्यास बुझा रहे हैं।

60 की जगह 45 एमएलडी जलापूर्ति: आमेट और राजसमंद में 1051 गांव हैं। इसकी जनसंख्या लगभग 11 लाख है। यहां 60 एमएलडी पानी की जरूरत है, लेकिन फिलहाल 45 एमएलडी पानी की ही आपूर्ति हो पा रही है. सतही पेयजल आमेट में 2 तथा राजसमंद में 326 है। आमेट में 274 कुएं, 75 ट्यूबवेल और 4897 हैण्डपम्प तथा राजसमंद में 545 खुले कुएं, 977 ट्यूबवेल और 9429 हैण्डपम्प का उपयोग किया जा रहा है।

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