गांधीनगर जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर

Update: 2023-06-23 13:07 GMT

जयपुर। रेलवे द्वारा जयपुर के उपनगरीय स्टेशन गांधीनगर जयपुर का विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ विकास किया जा रहा है। गांधीनगर जयपुर के पुनर्विकास का कार्य 21248 करोड़ रूपये की लागत के साथ स्वीकृत किया गया है एवं वर्तमान में कार्य युद्ध स्तर पर प्रगति पर है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार महाप्रबन्धक विजय शर्मा के कुशल दिशा निर्देशन में गांधीनगर जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है। निर्माण कार्य में स्टेशन पर स्थित रेल क्वार्टर्स, वेटिंग हॉल, आरपीएफ थाना आदि को गिरा कर भूमि समतल कर नींव का कार्य किया जा रहा है तथा निर्माण कार्य ग्राउण्ड लेवल तक आ गया है। स्टेशन पर सिगनल और दूरसंचार तथा विद्युत केबलों को अस्थाई तौर पर शिफ्ट किया गया हैं। स्टेशन पर एलटी पैनल रूम एवं Optical Fiber Cable रूम चालू कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त बेसमेंट की खुदाई एवं डायफ्राम दीवार का कार्य चल रहा है। स्टेशन पर द्वितीय प्रवेश द्वार के बिल्डिंग के नीव का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

गांधीनगर जयपुर स्टेशन पर दो नई बिल्डिंग का निर्माण प्रस्तावित है। सामने की ओर की मुख्य इमारत जी+2 बिल्डिंग बनाई जायेगी। मुख्य प्रवेश स्टेशन भवन में आगमन प्रस्थान लॉबी, वेस्टिबुल, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच क्षेत्र, हेल्प डेस्क क्षेत्र, प्रस्थान हॉल, शौचालय, आरपीएफ कक्ष और हेड टीसी कक्ष इत्यादि का प्रावधान रखा गया है। प्लेटफार्म पर अनारक्षित प्रतीक्षालय, एक्जिक्यूटिव प्रतीक्षालय, शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जायेगी। एक्सेस कंट्रोल. मेटल डिटेक्टर सिस्टम, बैगेज स्कैनर सिस्टम, प्रतीक्षालय, रिटेल स्टॉल, मॉड्यूलर शौचालय, सीढ़ियां, लिफ्ट, एस्केलेटर आदि होंगे।

स्टेशन पर 8 लिफ्ट और 4 एस्केलेटर लगाये जायेंगे और दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाओं का प्रावधान किया जायेगा।

गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर एक एयर कॉनकोर्स बनाया जायेगा जो दोनों इमारतों को प्लेटफार्मों के ऊपर से जोड़ते हुए बनाया जायेगा। एयर कॉनकोर्स 72 मीटर लंबाई में लगभग 2700 वर्ग मीटर में क्षेत्र में बनाया जाएगा। दोनों प्लेटफार्मों को एयर कॉनकोर्स से कवर किया जाएगा। एयर कॉनकोर्स में यात्रियों को वेटिंग रूम की सुविधा के साथ-साथ शॉपिंग काम्पलेक्स, कैफेटेरिया, गेम जोन जैसी सुविधाएं भी मिलेगी और यह क्षेत्र यात्रियों के साथ-साथ आमजन के लिये भी उपलब्ध रहेगा।

स्टेशन के दूसरे प्रवेश की इमारत जी+1 की होगी जिसमे टिकट काउंटरों के साथ हॉल, बुकिंग कार्यालय, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच, प्रस्थान हॉल आदि होंगे तथा अन्दर प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर अनारक्षित प्रतीक्षा हॉल आरपीएफ थाना आगमन हॉल होंगे। प्रवेश द्वार पर दुपहिया और चौपहिया वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त दो मंजिला भूमिगत बेसमेंट उपलब्ध कराया जाएगा। मौजूदा फुट ओवर ब्रिज को नई वास्तु कला थीम के साथ पुनर्निर्मित किया जाएगा।

स्टेशन पुनर्विकास में ऊर्जा खपत में कमी के लिए ग्रीन बिल्डिंग आधारित सुविधाएं होंगी. जो नवीनीकरणीय ऊर्जा के साथ कचरे के प्रसंस्करण, वर्षा जल संचयन आदि जैसे संसाधनों युक्त होगी। स्टेशन पर 1376 KW क्षमता का सौर ऊर्जा प्लाट स्थापित किया जाएगा।

गांधीनगर जयपुर स्टेशन का पुनर्विकास शहर की समृद्ध विरासत की लोक संस्कृति और स्थानीय विशेषताओं जैसे जाली कार्य, मेहराब, गुंबद छतरी, झरोखा, बारादरी, अलंकरण, पत्थरों की नक्काशी व आवरण आदि के सम्मिश्रण से किया जाएगा।

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