गुड गवर्नेंस की संकल्पना हो रही साकार, प्रदेश के हर वर्ग को मिल रही राहत : मुख्यमंत्री गहलोत
भरतपुर/जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार गुड गवर्नेंस की संकल्पना को साकार करते हुए प्रदेश के बुजुर्ग, महिला, युवा, गरीब तथा वंचित तबके के लोगों के लिए विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। प्रदेशभर में आयोजित हो रहे महंगाई राहत कैंपों के माध्यम से आमजन को महंगाई और बेरोजगारी की मार से राहत मिल रही है।
गहलोत गुरुवार को भरतपुर जिले के सीकरी में महंगाई राहत कैंप के अवलोकन के बाद आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान गहलोत ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया तथा वहां उपस्थित अधिकारियों से योजनाओं की क्रियान्विति की जानकारी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 165 करोड़ रुपए लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने नदबई में सेंदपुरा को उप तहसील बनाने तथा नगर क्षेत्र के विभिन्न राजकीय विद्यालयों को क्रमोन्नत करने की भी घोषणा की।
शिक्षा और स्वास्थ्य राज्य सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। 10 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा से विपरीत परिस्थितियों में सम्बल प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार (राइट टू हैल्थ) देने वाला देश का पहला राज्य राजस्थान है। हर जिले में मेडिकल तथा नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं, ताकि वंचित तबके के विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निःशुल्क प्राप्त कर सकें। राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के माध्यम से 500 युवाओं को विदेशों में निःशुल्क पढ़ने का अवसर मिल रहा है। अनुप्रति योजना के माध्यम से 30 हजार विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग करवाई जा रही है।
आमजन को मिल रही राहत
गहलोत ने कहा कि प्रदेश की जनता को महंगाई से राहत पहुंचाने और रसोई का खर्च कम करने के लिए राज्य सरकार उज्जवला योजना के लाभार्थियों, बीपीएल एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध करा रही है। गहलोत ने कहा कि किसानों को 2000 यूनिट तथा घरेलू उपभोक्ताआंे को 100 यूनिट बिजली निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में लाभार्थियों द्वारा दी जाने वाली 10 प्रतिशत राशि का वहन भी अब राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।
ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दे केन्द्र सरकार
गहलोत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ई.आर.सी.पी.) राजस्थान के 13 जिलों की जीवनरेखा है। केन्द्र सरकार को ई.आर.सी.पी. को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए, ताकि राज्य के एक बड़े क्षेत्र में सिंचाई जल एवं पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलने तक राज्य सरकार अपने संसाधनों से ई.आर.सी.पी. का निर्माण जारी रखेगी। अब तक बजट में ई.आर.सी.पी. के लिए 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा चुका है।
केन्द्र सरकार बनाए सामाजिक सुरक्षा कानून
गहलोत ने कहा कि राज्य में मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है। इससे कर्मचारियों में अपने भविष्य के प्रति सुरक्षा की भावना आई है। प्रदेश में दिव्यांगजन, विधवा एवं बुजुर्ग सहित लगभग 1 करोड़ से अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन दी जा रही है। पेंशन की राशि को 15 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ न्यूनतम 1000 रुपए कर दिया गया है। केन्द्र सरकार को भी कानून बनाकर देशवासियों को सामाजिक सुरक्षा देनी चाहिए।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, राजस्थान किसान आयोग के उपाध्यक्ष दीपचंद खैरिया, मेवात क्षेत्रीय विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान, डांग क्षेत्रीय विकास मण्डल के अध्यक्ष लाखन सिंह मीणा, देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना, पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, विधायक अमीन खान, संदीप यादव, वाजिब अली सहित अन्य जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।