कलेक्टर ने कहा, जले ट्रांसफार्मर ठीक करवाएं, किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए
जले ट्रांसफार्मर ठीक करवाएं,
बूंदी। बूंदी आम लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए त्रिस्तरीय जनसुनवाई सुविधा केंद्र पर जिलास्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इसमें जिला कलक्टर डॉ. रवीन्द्र गोस्वामी ने आमजन की समस्याएं सुनीं और कई समस्याओं का तत्काल समाधान कर राहत दी। इस जनसुनवाई में 68 समस्यायें प्राप्त हुई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जले हुए ट्रांसफार्मर की शीघ्र मरम्मत कराना सुनिश्चित करें। ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। भविष्य में कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने नगर परिषद आयुक्त को निर्देश दिये कि वार्डों में सड़कों एवं नालियों की समय पर सफाई करायी जाये. साथ ही वार्ड में पानी निकासी के लिए नालियां बनाई जाएं।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा, जन्म प्रमाण पत्र, प्रधानमंत्री आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से संबंधित समस्याओं का शीघ्र समाधान कर पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने मीरगेट से मालनमासी बालाजी के दुकानदारों के पट्टे के संबंध में आयुक्त को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जनसुनवाई के दौरान एडीएम मुकेश कुमार चौधरी, एडीएम सीलिंग मालविका त्यागी, एडिशनल एसपी रामकुमार कस्वां, एसडीओ सोहनलाल चौधरी, प्रशिक्षु आईएएस मोहित, सामाजिक न्याय विभाग के सहायक निदेशक राकेश कुमार वर्मा, सीएमएचओ डॉ. ओपी समर, आयुक्त सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी मौजूद रहे। महावीर सिसौदिया शामिल थे। जनसुनवाई के दौरान गंदे पानी की निकासी, मुआवजा राशि दिलवाना, पट्टा बनवाना, अतिक्रमण हटाना, स्कूलों में कमरा बनवाना, जन आधार में संशोधन, जॉब कार्ड बनवाना, सड़क संबंधी मामले, पानी की निकासी, सीमा ज्ञान, इंतकाल खुलवाना, चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना, भोजन सुरक्षा योजना के लाभ से जुड़ी समस्याएं आमजन ने जिला कलक्टर को बताईं। इनमें से कई समस्याओं का मौके पर ही समाधान कर दिया गया। अन्य के संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारियों को त्वरित समाधान एवं राहत देने के निर्देश दिये गये।
संत की हत्या का मौन विरोध
बूंदी| कर्नाटक में दिगंबर जैन आचार्य कामकुमार नंदी की नृशंस हत्या के विरोध में गुरुवार को सकल जैन समाज के आह्वान पर अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर मौन जुलूस निकाला गया। प्रदर्शन में सर्वसमाज का भी साथ मिला। तख्तियों व बैनरों पर संत की हत्या के प्रकरण में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और नेताओं के मौन पर सवाल थे।