जयपुर: सीएम तो जादूगर हैं, यह आज 14 हजार स्थानों पर लगाई गई एलईडी पर बजट लाइव स्क्रीन पर सब ने देख लिया है, क्योंकि वे नए बजट को गायब कर, पेपर लीक की तरह बजट भी लीक कर गए और पुराने बजट को ही पढ़ दिया, जिस तरीके से यह सबकुछ हुआ, इससे दिख जाता है कि सरकार कैसे काम कर रही है। कर्जा लेकर खर्चा करने की नीति दिख रही है। घोषणाओं और उसके क्रियान्वयन में कोसों का फर्क है।
सतीश पूनिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
'किसानों और युवाओं के लिए निराशाजनक है। जनघोषणा पत्र के वादे आज तक अधूरे हैं। यह बजट सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखते हुए पेश किया। प्रदेश का हर वर्ग कांग्रेस के कुशासन से प्रताड़ित है।
अरुण सिंह, प्रदेश प्रभारी, भाजपा।
'बजट निराशजनक और भ्रमित करने वाला है। पिछले बजट में की गई घोषणाएं भी अब तक पूरी नहीं हुई है। यह बजट शब्दों की जादूगरी और आंकड़ों के मायाजाल के अलावा कुछ नहीं है। मेरे लोकसभा क्षेत्र में जो घोषणाएं की, वो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। '
दीया कुमारी, सांसद, राजसमंद।
पेपर लीक की तरह बजट भी लीक हो गया है। सरकार गजब बेसुध है। प्रचार खूब किया, लेकिन पुराना बजट ही पढ़ा। समझ नहीं आ रहा कि हंसें या रोएं। जनता का दुर्भाग्य है कि ऐसे सीएम नेतृत्व कर रहे हैं।
गजेन्द्र सिंह शेखावत,केन्द्रीय मंत्री।
चार साल में सीएम ने 2722 में से 49 घोषणाएं पूरी की हैं। गत बजट में तो 1029 में से 325 ही पूरी हुई हैं। दस दिन में कर्जा माफी और बेरोजगारों को भत्ता अभी तक नहीं मिला है। बेरोजगार निराश हैं। नए जिलों और संभाग का इंतजार खत्म नहीं हुआ। पेट्रोल-डीजल पर वैट कम कर राहत नहीं दी।
- कालीचरण सराफ, भाजपा विधायक
'पूर्णत: दिशाहीन बजट है, केवल घोषणाओं का पिटारा है। इसके लिए राशि कहा से आएगी, इस बारे में कुछ नहीं सोचा। यह घोषणाएं भी किसानों की कर्ज माफी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के वादों जैसी ही फेल होगी।'
प्रताप सिंह सिंघवी, पूर्व मंत्री।
'बजट तीन घंटे की घिसी-पिटी फिल्म है। पब्लिक है यह सब जानती है, क्योंकि सीएम ने पुराना बजट पढ़ दिया और कांग्रेस के विधायक मेज थपथपाते रहे। चार सालों से हो रहे पेपर लीक के बाद अब टास्क फोर्स का गठन केवल लीपापोती है। बजट धरातल से कोसों दूर है। युवा, किसान, मजदूर, महिला सहित किसी भी वर्ग को राहत नहीं मिलेगी। '
- राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद, जयपुर ग्रामीण
'सीएम का ध्यान बजट पर नहीं, बजट पर बड़े-बडे होर्डिंग्स लगवाने पर ही रहा, इसलिए पुराना बजट पढ़ ड़ाला। यह दिन काले दिवस के रूप में विधानसभा में दर्ज होगा। पूरा बजट केवल चुनावी रहा। हवा-हवाई घोषणाएं कर दी।
- रामचरण बोहरा, सांसद, जयपुर शहर।
'बजट पूरी तरह दिशाहीन है। किसी भी योजना को पूरा करने का इनके पास ब्लू प्रिन्ट नहीं है। महिला सुरक्षा इनके एजेंडे में नहीं है। घोषणाओं के अलावा कुछ नहीं है।
- विजया राहटकर, प्रदेश सहप्रभारी, भाजपा।
'विधानसभा में पुराना बजट पढ़ा और नए बजट सदन में आने से पहले ही लीक हो गया। गहलोत को सीएम की कुर्सी तुरंत छोड़ देनी चाहिए। ऐसे नौकरशाहों को भी छुट्टी कर देनी चाहिए। केवल चुनाव में जनता को भ्रमित करने के लिए घोषणाएं हैं।
- वासुदेव देवनानी, विधायक, भाजपा।