नगर निगम कोटा दक्षिण का मामला, निगम व ठेकेदार के बीच पिस रही वार्डों की जनता
कोटा न्यूज़: नगर निगम कोटा दक्षिण के कई वार्डों में बने पब्लिक पार्क में काफी समय से कचरे के ढेर लगे हुए हैं। वहां सफाई नहीं होने से पार्कों में घूमने आने वाले लोगों को परेशानी व गंदगी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा नगर निगम अधिकारियों व ठेकेदार के बीच भुगतान के मामले के कारण हो रहा है। नगर निगम कोटा दक्षिण में 80 वार्ड हैं। जिनमें 285 पार्क बने हुए हैं। हर पार्क में साफ सफाई व पौधों की देखभाल के लिए नगर निगम द्वारा एक-एक श्रमिक को लगाया गया है। जबकि तीन बड़े गार्डन चम्बल गार्डन, हाड़ौती उद्यान व भीतरिया कुंड में अलग से 85 श्रमिक लगाए गए हैं। ये श्रमिक संवेदकों के माध्यम से लगाए गए हैं। जिन्हें दैनिक मजदूरी के हिसाब से संवेदक द्वारा भुगतान किया जाता है। लेकिन हालत यह है कि कोटा दक्षिण के 9 सेक्टरों में से 4 सेक्टर ऐसे हैं जिनमें गार्डन के श्रमिकों को संवेदकों द्वारा करीब 6 माह से भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिससे श्रमिकों ने पार्कों मं काम करना बंद कर दिया है। पिछले काफी समय से पार्कों में सफाई नहीं होने से कचरे के ढेर लगे हुए हैं। जिनसे उठने वाली दुर्गंध वहां सैर करने आने वालों के लिए परेशानी व बीमारी का घर बने हुए हैं।
वार्ड 60 के भाजपा पार्षद सुरेन्द्र राठौर ने बताया कि सेक्टर 1 से 4 के वार्ड 1, 2, 46, 47 व 60 समेत कई वार्डों के पार्कों में सफाई नहीं हो रही है। जिससे पार्कों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। जिनमें वल्लभ नगर स्थित पटेल पार्क, शक्ति नगर दादाबाड़ी स्थित पार्क, टिपटा स्थित दीनदयाल पार्क, वल्लभ नगर स्थित राजाजी पार्क समेत अधिकतर पार्कों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। कई पार्कों में तो मेन रोड व वार्डों के सफाई कर्मचारियों से सफाई करवाई जा रही है। पार्कों में नियमित सफाई नहीं होने का कारण संवेदक द्वारा पार्कों के श्रमिकों को करीब 6 माह से भुगतान नहीं किया जा रहा है। संवेदक से भुगतान के लिए कहते हैं तो वह नगर निगम से भुगतान नहीं होने की बात कहकर टाल रहा है। ऐसे में गरीब श्रमिकों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। पार्षद राठौर ने बताया कि अधिकतर श्रमिकों की पारिवारिक स्थिति इतनी अधिक खराब है कि उन्हें उधार लेकर व जन सहयोग के राशन से घर का गुजारा चलाना पड़ रहा है।
महीनों से नहीं किया पार्कों में श्रमिकों का ठेका: इधर गुमानपुरा स्थित वार्ड 21 के पार्षद नरेश शर्मा ने बताया कि उनके सेक्टर एक के 9 वार्ड हैं। जिनमें पार्कों के श्रमिकों का ठेका सितम्बर में ही समाप्त हो गया है। उसके बाद नया ठेका नहीं हुआ है। जिससे वहां श्रमिक काम ही नहीं कर रहे हैं। ऐसे में उनके क्षेत्र में भी अधिकतर पार्कों में नियमित सफाई नहीं हो रही है। पार्कों में वार्ड के सफाई कर्मचारियों से ही काम चलाना पड़ रहा है।
संवेदकों पर नहीं की कार्रवाई: पार्षदों का कहना है कि नगर निगम व संवेदक के बीच भुगतान का मामला है। उसमें श्रमिकों व जनता को नुकसान क्यों भुगतना पड़े। निगम अधिकारी संवेदक के खिलाफ कोई कार्रवाई ही नहीं करते हैं। जबकि संवेदक द्वारा श्रमिकों का भुगतान करने के बाद बिल निगम में पेश करने और उसके बाद निगम द्वारा उसका भुगतान करने का प्रावधान है। लेकिन निगम ने अभी तक न तो किसी संवेदक पर पेनल्टी लगाई और न ही किसी को ब्लेक लिस्ट किया। जिससे संवेदकों पर कोई असर ही नहीं हो रहा है।
इनका कहना है: कई वार्डों में 2 माह से संवेदक द्वारा श्रमिकों का भुगतान नहीं करने की शिकायतें मिली हैं। निगम के स्तर पर भी भुगतान अटका हुआ है। जिसकी प्रक्रिया चल रही है। वहीं गार्डन की लेबर का नया टेंडर किया जा रहा है। जिसमें नई शर्त जोड़ने के कारण देरी हुई है। नई शर्त के अनुसार हर माह की दस तारीख तक श्रमिकों का भुगतान नहीं करने वाले संवेदक का टेंडर निरस्त कर दूसरे संवेदक को काम दिया जाएगा। इसके अलावा भी कई अन्य शर्तें जोड़ी गई हैं। नया टेंडर शीघ्र ही होने के बाद सभी पार्कों में श्रमिक लगने पर सफाई निममित हो जाएगी।
- ए.क्यू कुरैशी, उद्यान प्रभारी, नगर निगम कोटा दक्षिण