कोटा न्यूज़: कोटा जिला पुलिस द्वारा बढ़ते आपराधिक मामलों की रोकथाम के अथक प्रयास के बावजूद लोग खून के प्यासे ज्यादा हो रहे हैं। इस साल कोटा शहर में हत्या के प्रयास के मामलों में गत वर्ष की तुलना में वर्ष 2022 में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस मामले में कोटा शहर के प्रत्येक थाना क्षेत्र में चाकूबाजी के बढ़ते मामले सर्वाधिक दर्ज किए गए हंै। । हालांकि पुलिस ने अनुसंधान के दौरान वर्ष 2022 में 3 तथा 2021 में चार और 2020 ेमें तीन मामले झूठे दर्ज होने पर एफआर लगा दी गई जबकि बीस मामले अभी पैंडेसी में चल रहे हैं। ऐसे ही वर्ष 2022 में शहर के समस्त पुलिस थानों में 173 मामले हत्या के प्रयास के दर्ज किए गए। पुलिस ने चाकूबाजी के मामलों में भी हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया। इसी प्रकार से कारोना काल के चलते वर्ष 2020 में 135 मामले दर्ज किए गए थे, जो कि वर्ष 2021 में एक प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। अगर हम हत्या के मामलों की बात करें तो पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार कोटा सिटी में एक जनवरी से 31 दिसंबर2022 में 27 लोगों को मौत के घाट उतारा गया । जबकि वर्ष 2021 में भी 27 मामले हत्या के सामने आए थे, जो कि वर्ष 2020 की अपेक्षा दो अधिक दर्ज किया गया। जिसमें 2022 में नौ तथा 2021 छह, 2020 में चार मामले झूठे अनुसंधान के दौरान पाए जाने पर एफआर लगाई गई। इसके अलावा वर्ष 2022 में 14 मामलों में चालान किया गया। 2021 में 16, 2020 में 11 मामलों में चालान किए गए। चार मामले वर्ष 2022 में पैंडिंग चल रहे हैं। इसके अलावा वर्ष 2020 में दो मामले डकैती के दर्ज किए गए तथा 16 लाख चालीस हजार माल की बरामदगी हुई।
दस प्रतिशत दुष्कर्म के मामलों में हुआ इजाफा
कोटा सिटी में पिछले तीन साल में 489 मामले विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किए गए, जो कि जनवरी से 31 दिसंबर 2022 तक दस प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जो कि 2022 में 188 मामले सामने आए और अनुसंधान के दौरान 76 मामले झूठे पाए गए और 85 मामलों में चालान किया गया। वही वर्ष 2021 में जनवरी से 31 दिसंबर तक 168 प्रकरण दर्ज किेए गए और 54 झूठे पाए गए तथा 112 में चालान किया गया। जबकि कोराना काल के कारण 2020 में 83 मामलोें में चालान किया गया और 50 मामले झूठे पाए जाने पर एफआर लगा दी गई। कुल 133 प्रकरण दर्ज किए गए थे। वही वर्ष 2021, 22 में इजाफा दर्ज किया गया। हालांकि इन मामलों में अधिकतर मामले पोक्सो एक्ट भी दर्ज किया गया है। वही नकबजनी के जनवरी से 31 दिसंबर 2022 में 73 मामले दर्ज किए गए जो कि गत दो वर्षो की तुलना में 20 प्रतिशत की कमी आई है। जिसमें से चार मामलों में झूठे पाए गए जिससे उन में एफआर लगा दी गई। 29 में चालान किया गया और 48 प्रतिशत माल की रिकवरी की गई। इसी प्रकार से 2021 में 97 मामले नकबजनी के दर्ज किए गए चार झूठे पाए गए और 43 में चालान किया गया। जबकि 2020 में 93 मामले दर्ज हुए और दो झूठे पाए गए और 22 में चालान किया गया। 25 प्रतिशत माल की रिकवरी की गई।
चोरी, लूट में 95 प्रतिशत रिकवरी
कोटा सिटी में चोरी, लूट के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए चलाए गए अभियान के दौरान भी 2022 में 29 मामले लूट के दर्ज किए गए। इतने ही वर्ष 2020 दर्ज किए गए थे जो कि वर्ष 2022 में वर्ष 2021 में आठ अधिक हैं, जहां जनवरी 2021 में 21 मामले दर्ज हुए थे तथा अनुसंधान के दौरान तीन मामले झूठे पाए गए और वर्ष 2020 में एक तथा 2021 में तीन मामलों में एफआर झूठे पाए जाने पर एफआर लगा दी गई। वही 2020 में 20, 2021 में 18 और 2022 में 20 मामलों में चालान किए गए और पांच मामले पैंडिंग चल रहे हैं। हालांकि पुलिस ने लूट के मामलोेंं में 95 प्रतिशत प्रकरणों में चालान किया और 95 फीसदी प्रकरणों में रिकवरी भी की गई।
एनडीपीएस मामलों में 15 प्रतिशत वृद्धि कोटा जिला पुलिस ने पिछले तीन साल में एनडीपीएस एक्ट जैसे चरस, गांजा, अफीम, डोडा पोस्त, हेरोइन सहित अन्य मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जनवरी से 31 दिसंबर 2022 में 93 मामले दर्ज किए गए तथा 2021 में 80 और 20 20 में 102 दर्ज किए गए। अगर इन आकड़ों पर नजर डाले तो पुलिस ने वर्ष 2021, 22, और 2020 में शतप्रतिशत मामलों में चालान किया तथा छह मामले पेंडिंग चल रहे हैं। ऐसे ही शांति भंग के मामलों में भी 17 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है। इससे 2022 में पुलिस जहां जनवरी से 31 दिसंबर तक 11 हजार एक 35 तथा 2021 में 9 हजार 617 तथा 2020 में आठ हजार 505 मामलोे ं में कार्रवाई की गई। इसी प्रकार से 110 सीआरपीसी के मामलों में भी आठ ्र्रप्रतिशत का इजाफा किया गया। जिसमें 2020 में 1189, 2021 में 1109 तथा वर्ष 2020 में 11 हजार तीन मामलों में कार्रवाई की गई। जो कि पिछले तीन सालों में आठ प्रतिशत अधिक दर्ज की गई है। गुंडा एक्ट में एक प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2020 में 24, 2021 में 45, 2022 में 46 बदमाशों को तडीपार किया गया। जबकि पुलिस एक्ट साठ में वर्ष 2020 में 1962, 2021 में 623 तथा वर्ष 2022 में 3650 मामलों में कार्रवाई की गई जो कि पिछले तीन सालों की तुलना में 600 फीसदी अधिक है। इसी प्रकार से पुलिस ने महिला अत्याचार के मामलों में भी कार्रवाई गत तीन साल की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक की है। दहेज हत्या के 2020 में पांच मामले दर्ज किए गए तथा दो में चालान किया गया और एक मामले में एफआर लगा दी गई जबकि एक मामला में अनुसंधान किया जा रहा है। ऐसे ही 2021 में तीन मामले दर्ज किेए गए और एक में चालान किया गया और एक में एफआर लगा दी गई। 2022 में सात मामले दर्ज किए गए और तीन में चालान किया गया और चार मामलों में अभी अनुसंधान किया जा रहा है।
आर्म्स एक्ट में चार फीआर्म्स एक्ट में चार फीसदी बढ़ोतरी
पुलिस आकड़ों के अनुसार पिछले तीन साल की तुलना में वर्ष 2022 में आर्म्स एक्ट के मामलों में चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। जिसमें अधिकतर मामलोे में चालान किया गया है तथा अभी छह मामले पेंडिँग चल रहे हैं। वर्ष 2022 में 506, वर्ष 2021 में 488 और 2020 में 456 प्रकरण विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किए गए। पुलिस ने इन मामलों में अत्यधिक कार्रवाई करने का प्रयास किया गया।