उदयपुर में त्रिकुट पर्वत की तर्ज पर बनाया मां वैष्णोदेवी का मंदिर
अब मां वैष्णोदेवी के भी दर्शन कर सकेंगे
उदयपुर: टूरिस्ट सिटी उदयपुर में धार्मिक पर्यटन के सर्किट में एक और केन्द्र जुड़ने वाला है। उदयपुर आने वाले टूरिस्ट नाथद्वारा जाते समय रास्ते में ही अब मां वैष्णोदेवी के भी दर्शन कर सकेंगे। दावा है कि यहां राजस्थान का पहला सबसे बड़ा वैष्णोदेवी का मंदिर बनाया गया है। इस मंदिर का कैंपस सवा चार लाख फीट का है। सबसे खास बात यह है कि यह मंदिर एकलिंगजी-नाथद्वारा रूट पर ही है। उदयपुर के धार्मिक पर्यटन के सर्किट में इस रूट पर यह एक बड़ा केन्द्र के रूप में होगा।
उदयपुर आने वाले टूरिस्ट उदयपुर के जगदीश मंदिर, नीमजमाता, करणीमाता, महाकाल मंदिर, कैलाशपुरी स्थित एकलिंगजी और आगे नाथद्वारा में श्रीनाथजी के दर्शन करते हैं।
उदयपुर से 17 किमी दूर उदयपुर-नाथद्वारा रोड पर कैलाशपुरी के पास पहाड़ी पर अरावली की वादियों के बीच कटरा की तर्ज पर मां वैष्णो देवी का मंदिर बनकर तैयार है। मंदिर में प्रवेश से लेकर प्रसाद सब कुछ नि:शुल्क होगा। मार्च महीने के पहले सप्ताह में इस मंदिर का लोकार्पण किया जाएगा।
सवा चार लाख फीट के परिसर में सवा तीन लाख फीट एरिया में मंदिर का निर्माण किया गया है तथा एक लाख फीट परिसर में पार्किंग बनाया गई है। श्री मीरा किशन दरबार ट्रस्ट द्वारा निर्मित यह मंदिर अपने परिजनों के इच्छानुसार बनवाया गया है। ट्रस्ट के सुनील खत्री ने बताया की राज्य में यह पहला ऐसा मंदिर होगा जिसमें श्रद्धालुओं को जम्मू स्थित स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर का पूरा स्वरूप नजर आएगा। इस मंदिर में श्रद्धालुओं को पिंडी रूप में दर्शन होंगे।