उदयपुर शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत प्रबोधक व तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादले के इंतजार में

Update: 2023-07-17 07:20 GMT

उदयपुर: उदयपुर शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत प्रबोधक व तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादले के इंतजार में बैठे हैं, लेकिन सरकार का इस पर ध्यान नहीं है। ऐसे में प्रदेश के 85 हजार शिक्षक मायूस है। ये वे शिक्षक है, जो दो दशक से गृह जिले में स्थानांतरण की आस लगाए बैठे हैं। सरकार ने तबादला नीति बनाने की लॉलीपोप देकर एक बार फिर रोड़ा अटका दिया है। गौरतलब है कि अगस्त 2022 में 85 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन किए थे, लेकिन नई नीति के तहत ही प्रक्रिया अपनाने की सरकार की मंशा सामने आने पर आवेदन रद्दी की टोकरी में चले गए।

तृतीय श्रेणी को छोड़ बाकी को राहत

सरकार की ओर से तबादले नई नीति के अनुसार गृह जिले में करने की घोषणा 22 माह पूर्व की गई थी। इससे शिक्षकों में उम्मीद जगी, लेकिन रोक से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की उम्मीद धरी रह गई। प्रधानाचार्य, व्याख्याताओं, वरिष्ठ अध्यापकों, उपप्राचार्य के तबादले किए गए। बीकानेर, बांसवाड़ा सहित दस जिलों में कार्यरत गैर अनुसूचित क्षेत्र के मूल निवासी शिक्षकों के नसीब में इंतजार ही लिखा है।

विकल्प पत्र फाइलों में दफन

साल 1999 से पहले प्रदेश के दस जिले बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालौर, प्रतापगढ़, बाड़मेर, झालावाड़, सिरोही, बारां, बीकानेर और जैसलमेर को सरकार ने डार्क जोन घोषित किया था। इनमें शिक्षकों के तबादलों पर पूरी तरह से प्रतिबंध था। साल 2014 में बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले पूर्ण अनुसूचित तथा उदयपुर, चित्तौडग़ढ़, पाली का कुछ क्षेत्र इसमें शामिल किया। इन शिक्षकों से तबादले के लिए विकल्प पत्र भरवाए थे, किंतु कार्रवाई नहीं हुई।

65,000 सरकारी स्कूल प्रदेश में

2,16,889 तृतीय श्रेणी शिक्षक प्रदेश में

72,119 तृतीय श्रेणी शिक्षक डार्क जोन में

85,000 शिक्षकों ने किए थे आवेदन

इनका कहना तबादले के लिए राज्य से 85 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने शाला दर्पण के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए थे। अभी तक मांग पूरी नहीं हुई है, केवल आश्वासन मिल रहा है। 22 माह से शिक्षक तबादला सूची का इन्तजार कर रहें। सरकार ने जब सभी केडर के तबादले किए हैं तो टीएसपी और नॉन टीएसपी दोनों क्षेत्र में कार्यरत तृतीय श्रेणी शिक्षकों के भी तबादले करने चाहिए।

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