छात्र-छात्राओं ने सीखा पेपर बैग बनाना

Update: 2023-02-15 18:29 GMT

लखनऊ  .बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आज के दौर में पेपर बैग एक बहुत ही अच्छा विकल्प है. यह इको-फ्रेंडली बैग है, जो प्रकृति और पर्यावरण को बैलेंस रखने में मदद करता है. पेपर बैग का दूसरा सबसे अच्छा बेनिफिट यह है कि हम अपने कल्चर और ट्रेडिशन आर्ट को भी बैग के जरीए शो और प्रमोट भी कर सकते हैं.

बुधवार (Wednesday) को टैगोर मार्ग स्थित वास्तुकला एवं योजना संकाय प्रांगण में वास्तुकला के प्रथम वर्ष के 75 छात्र- छात्राओं ने पेपर बैग बनाना सीखा. बैग बनाकर उसे अपने कलात्मक तरीके से चित्रित भी किया. संकाय शिक्षक गिरीश पांडेय, धीरज यादव और रत्नकांत प्रिया ने भी पेपर बैग बनाने में छात्रों का मार्गदर्शन किया.

उसके बाद छात्र-छात्राओं ने पेपर बैग पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह अफोर्डेबल भी है और इस बैग को कोई भी आसानी से खरीद और कहीं भी ले जा सकता है. यह न केवल सड़कों पर गंदगी का कारण है बल्कि समुद्र या नदियों में भी प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक ही है.

शिक्षक भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि प्लास्टिक को जमीन में गलने में सालों लग जाते हैं और इनसे मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है. वहीं पेपर बैग बड़ी आसानी से नष्ट हो जाता है और यह प्रदूषण भी नहीं फैलाता. पेपर बैग की खास बात यह है कि इसे शत-प्रतिशत तक रि-साइकल भी किया जा सकता है. प्लास्टिक की जगह पेपर बैग इस्तेमाल करना पर्यावरण के लिए अनुकूल है. बताया कि पेपर मुख्य रूप से बांस एवं घास से बनाया जाता है. पर्यावरण दूषित नहीं होगा और धरती की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी. प्लास्टिक हमारे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए हानिकारक है.

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