प्रवासियों के रिश्तों से सत्ता वापसी की जुगत

Update: 2023-01-05 13:19 GMT

जयपुर: राजस्थान में चुनावी साल शुरू होने के साथ ही भाजपा चुनावी मोड़ में है। जनाक्रोश यात्रा से सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी का माहौल बनाने के साथ ही भाजपा ने दूसरे राज्यों में निवास कर रहे प्रवासी राजस्थानियों को भी प्रदेश में सत्ता वापसी के लिए रिझाना शुरू कर दिया है। भाजपा की माने तो प्रदेश के 1.5 करोड़ लोग देशभर के 15 राज्यों में रहते हैं। उनमें से करीब 25 फीसदी के प्रदेश में वोट है और बाकी 75 फीसदी जो वहां रचे-बसे हैं, उनकी जड़े यानी रिश्तेदार-संगे संबंधी प्रदेश में रहते हैं। वे यहां आते भी रहते हैं। ऐसे में चुनावों में भाजपा इसके जरिए उनके रिश्तेदारों को भाजपा के पक्ष में करने की रणनीति पर काम कर रही है। हर राज्य में प्रवासियों से संपर्क होगा, फिर उनके रिश्तेदारों से उन्हें भाजपा के पक्ष में वोट के लिए रिझाया जाएगा। देश में गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडू, पूर्वोत्तर के राज्यों में प्रदेश भाजपा इस रणनीति पर खास फोकस कर रही है।

संपर्क-जुड़ाव और प्रवासियों सहित रिश्तेदारों को वोट में तब्दील करने की तैयारी:

जिन 15 राज्यों में राजस्थानी बाहुल्य में रहते हैं। उनमें राजस्थान प्रवासी प्रकोष्ठ के जरिए 21-21 लोगों की टीमें बना रही हैं। राज्य की यह टीमें वहां राजस्थान की विधानसभा के प्रवासी की 2-2, फिर जिले और यूं ही लोकसभा के हिसाब से इतने ही लोगों की टीमें बना रही है। जो चुनावों तक प्रवासियों को मैनेज करने का काम करेगी। उनके सम्मेलन और बैठकें होंगी। रिश्तेदारों को भाजपा की रीति-नीति बताने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। गुजरात के सूरत में प्रवासी प्रकोष्ठ का काम देखकर रहे विश्वनाथ पचेरिया ने बताया कि गुजरात में करीब 22 लाख से अधिक प्रवासी सूरत, अहमदाबाद बड़ौदा, भावनगर में ही रहते हैं। हमने यहां काम शुरू कर दिया है।

1.49 लाख वोटों से हारी थी भाजपा, ऐसे में हर वोट की कीमत समझ रही

पिछले चुनावों में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले करीब 1.49 लाख वोट ही कम पड़े थे, लेकिन इतने से वोट मात्र से भाजपा को सत्ता से हाथ धोना पड़ा था। ऐसे में भाजपा इस बार एक-एक वोट की कीमत समझ रही है। प्रवासियों और उनके रिश्तेदारों के वोटरों को भुनाने के लिए भाजपा की व्यूह रचना इसको ध्यान में रखकर बनाई गई है।

प्रवासियों को राजनीति और सामाजिक रूप से राजस्थान से जोड़ने का लक्ष्य लेकर भाजपा काम कर रही है। केवल चुनावी रूप से ही नहीं, उनके भावनात्मक रूप से भी राजस्थान से जोड़ने के लिए यह सारी कार्य योजना बनाई गई है। गुजरात, महाराष्ट्र, पूर्वोत्तर के कई राज्यों में प्रवासियों को भाजपा चुनाव में राजस्थान लाकर मतदान करने में मदद करती है। इस बार इस पर पूर्ण व्यवस्थित ढंग से काम कर रहे हैं।

-सतीश पूनिया, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा।

8 जनवरी को देशभर से भाजपा से जुड़े 250 प्रवासी आ रहे हैं, जिनका भट्टारकजी की नसियां के इन्द्रलोक सभागार में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर से संवाद होगा। इसमें आगे भी रणनीति बनेगी।

-राजू मंगोड़ीवाल, संयोजक, राजस्थान प्रवासी प्रकोष्ठ 

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