हड़ताल से हड़कंप, राजस्थान के पेट्रोल पंप बंद, अब कैसे मिलेगा फ्यूल?
अब कैसे मिलेगा फ्यूल?
राजस्थान :के पेट्रोल पंपों पर आज से ताला लटक गया है. पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की मांग को लेकर सभी पंप ऑपरेटर आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इससे पहले पंप ऑपरेटरों ने दो दिन का आंशिक हड़ताल किया था. सरकार को चेतावनी दी थी कि वैट कम ना होने पर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे, लेकिन सरकार ने सुनवाई नहीं की. ऐसे में राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर आज से प्रदेश के 7 हजार से अधिक पंपों पर ताला लटक गया है.
एसोसिएशन ने हड़ताल का ऐलान करते हुए साफ तौर पर कहा है कि इस बार लड़ाई आर या पार की है. अब इस मामले में कोई ठोस फैसला होने तक राज्य के किसी भी पंप से डीजल पेट्रोल की बिक्री नहीं होगी. इस अवधि में राज्य के सभी 7 हजार पंप ऑपरेटर किसी तरह का पेट्रोलियम पदार्थ खरीदेंगे भी नहीं. एसोसिएशन ने माना है कि इससे राज्य की जनता को परेशानी हो सकती है. लेकिन इसके लिए एसोसिएशन ने राज्य सरकार के अड़ियल रूख को जिम्मेदार बताया है.
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का तर्क है कि पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरें काफी कम हैं. इसकी वजह से इन राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हैं. इन राज्यों में राजस्थान के मुकाबले पेट्रोल 16 रुपये तक और डीजल 11 रुपये तक सस्ता है. जबकि राजस्थान में ज्यादा वैट वसूला जा रहा है. इसका सीधा असर राज्य की जनता की जेब पर पड़ रहा है.
वहीं ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ने की वजह से राज्य में महंगाई भी ज्यादा है. इन्हीं तर्कों के साथ एसोसिएशन ने फिर मांग की है कि पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरों को कम किया जाए. एसोसिएशन के मुताबिक राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04 प्रतिशत वैट वसूला जा रहा है. इसी प्रकार डीजल पर 19.30 प्रतिशत वैट वसूल किया जाता है. जबकि पंजाब में पेट्रोल पर 13.77 फीसदी और डीजल पर 9.92 फीसदी वैट है. हरियाणा में पेट्रोल पर 18.20 फीसदी और डीजल पर 16 फीसदी वैट वसूला जाता है. जबकि देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल पर 19.40 फीसदी और डीजल पर 16.75 फीसदी वैट लगता है.