जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने धार्मिक यात्रा को हमारे संस्कार और संस्कृति में बताते हुए कहा है कि इनसे दर्शनों के साथ श्रद्धालुओं में आपसी समन्वय, सहयोग और सद्भावना बढ़ती है। श्री गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गांधी नगर रेलवे स्टेशन से कटरा मां वैष्णो देवी यात्रा के लिए जाने वाले दूदू के श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी इसी मूल भावना के अनुरूप वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क तीर्थ यात्राएं करा रही है। उन्होंने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ स्थलों की यात्रा कराने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि दूदू विधायक बाबूलाल नागर द्वारा अपने खर्च पर 1200 श्रद्धालुओं को स्पेशल ट्रेन से यात्रा कराना बड़ी और प्रेरणास्त्रोत पहल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त, 2013 में वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना की शुरूआत की गई थी। उस समय 41 हजार 390 यात्रियों को विभिन्न स्थलों पर दर्शन कराए गए जबकि गत सरकार द्वारा वर्ष 2013 से 2018 में सिर्फ 47 हजार 742 यात्रियों को ही तीर्थ यात्रा कराई गई। हमने नए तीर्थ स्थल जोड़कर इसे आगे बढ़ाया। अब तक 1.25 लाख से अधिक यात्रियों को दर्शन कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के वरिष्ठजनों में योजना को लेकर अपार उत्साह है। इनकी भावनाओं के अनुरूप वित्त वर्ष 2023-24 में 40 हजार यात्रियों को यात्रा कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस सत्र की पहली ट्रेन 14 जून को जयपुर और कोटा से रामेश्वरम-मदुरई के लिए रवाना की गई थी। श्री गहलोत ने कहा कि हमने इस साल बजट में अयोध्या, वैद्यनाथ, त्रयम्बकेश्वर नासिक और सम्मेद शिखर को भी सूची में जोड़ा है। कोरोना काल में वंचित एक लाख यात्रियों को भी तीर्थ दर्शन कराए जाएंगे। राज्य सरकार तीर्थ यात्रियों के आवागमन, भोजन, आवास, चिकित्सा सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ स्थलों के विकास और विस्तार के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है। जयपुर के श्री गोविंद देव जी मंदिर में 100 करोड़ रुपए और खाटूश्याम जी मंदिर में 32 करोड़ रुपए की लागत से भव्य कॉरिडोर बनाया जाएगा। गत साढ़े चार साल में 100 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य कराए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पुजारियों के मानदेय को बढ़ाया गया है। प्रदेश के 593 मंदिरों में आरती, साज-सज्जा के लिए प्रति मंदिर एक लाख रुपए दिए गए हैं। अब देवस्थान विभाग द्वारा हर संभाग में देवदर्शन पदयात्रा निकाली जा रही है।