Sri Ganganagar : गुलाबी सुंडी प्रबंधन के लिए कृषि विभाग किसानों को कर रहा है जागरूक

Update: 2024-07-13 14:10 GMT
Sri Ganganagar श्रीगंगानगर:  जिले में बीटी कपास की फसल में गुलाबी सुंडी की सर्वे रिपोर्ट में गुलाबी सुंडी का प्रकोप देखा गया हैए परन्तु अभी यह आर्थिक हानि स्तर से कम पाया गया है। गुलाबी सुंडी कीट प्रकोप को प्रारंभिक अवस्था में ही नियंत्रित करने हेतु कृषि विभाग लगातार प्रयासरत हैं। इसी क्रम में आज पदमपुर मंडी के व्यापार मंडल हॉल में कृषि विभाग एवं पेस्टिसाइड यूनियन पदमपुर के तत्वाधान में कृषि आदान विक्रेताओं को गुलाबी सुंडी के प्रति जागरूक करने एवं प्रबंधन के बारे में जानकारी देने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में पदमपुर मंडी के 60 खाद बीज
विक्रेताओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यशाला में कृषि अनुसंधान अधिकारी श्री जगजीत सिंह ने गुलाबी सुंडी के जीवन चक्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह किट गत वर्ष के बीटी कपास के अद्वखुले टिंडो में सुषुप्त अवस्था में पड़ा था जो अब अनुकूल परिस्थितियों मिलते ही पतंगे के रूप में निकालकर फसलों में प्राथमिक संक्रमण कर रहा है।
सहायक निदेशक कृषि श्रीमती कविता स्वामी द्वारा बीटी बीज उत्पादक कंपनियों द्वारा सामाजिक सरोकार के तहत कृषकों के खेतों पर लगाए जा रहे फेरोमन ट्रैप के माध्यम से गुलाबी सुंडी की मॉनिटरिंग एवं प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यदि प्रति फेरोमेन ट्रैप 5 से 8 नर पतंगे लगातार तीन दिन तक ट्रैप में आ रहे हैं तो आगामी दिनों में फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है।
सहायक निदेशक कृषि मुख्यालय श्री सुरजीत कुमार ने बताया कि गुलाबी सुंडी की मॉनिटरिंग हेतु कृषक प्रतिदिन सुबह जल्दी खेत में जाए यदि फसल में कीट का प्रकोप पाया जाता है तो पहली स्प्रे नीम आधारित कीटनाशकों जैसे-नीम तेल 5 एमएल/लीटर या अजाडिरेक्टिन 300 पीपीएम 5 एमएल/लीटर की की दर से करें। छिड़काव पद्धतियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसान कीटनाशकों का छिड़काव सुबह जल्दी या शाम के समय करें। छिड़काव करते समय बारीक फुहार धुंआ बनाने वाली स्प्रे गन काम मे ले में ताकि कम पानी में अधिक क्षेत्रफल को कवर किया जा सके। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान भी कम उठाना पड़े और पर्यावरण भी सुरक्षित रहें।
श्री सुशील कुमार शर्मा द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले भ्रमित समाचारों से सावधान रहते हुए विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण अभियान के तहत किसानों को बीटी कपास का गुणवत्तापूर्वक बीज उपलब्ध करवाने के लिये अब तक जिले में बीटी कपास के बीज के 117 नमूने लेकर विश्लेषण हेतु प्रयोगशाला में भिजवाये गये हैं। कृषि पर्यवेक्षक और सहायक कृषि अधिकारी के माध्यम से प्रत्येक दिवस किसानों के खेतों का भ्रमण कर गुलाबी सुंडी प्रकोप की मॉनिटरिंग कर किसानों को नियंत्रण के उपाय बताये जा रहे है।
कार्यशाला में सहायक कृषि अधिकारी भावना भाम्भू, कृष्ण कुमार, इन्द्राज, श्योप्रकाश एंव पेस्टीसाईड युनियन पदमपुर के अध्यक्ष श्री तिलक राज मिगलानी एंव देवराज जी मौजूद रहे। (फोटो सहित)
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