दौसा। दौसा जिला मुख्यालय पर जॉब फेयर का हुआ आयोजन, बेरोजगार युवाओं की उमड़ी भारी भीड़. आयोजकों की ओर से किए गए इंतजाम नाकाफी साबित हुए, बाउंसर बेरोजगारों पर वार करते नजर आए. जॉब फेयर राजस्थान: मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार राजस्थान का 11वां मेगा जॉब फेयर आज दौसा जिला मुख्यालय पर आयोजित किया गया। जहां बेरोजगार युवाओं की भारी भीड़ जुटी, आयोजकों द्वारा की गई व्यवस्थाएं बेरोजगारों की संख्या के सामने नाकाफी साबित हुईं. मेगा जॉब फेयर में रोजगार की तलाश में आए बेरोजगारों ने कहा कि जिस तरह से मेले का प्रचार-प्रसार किया गया, वैसी व्यवस्था यहां देखने को नहीं मिली. एक ओर जहां पीने के पानी की कमी थी, वहीं दूसरी ओर भोजन के कूपन तो दिये गये, लेकिन उन्हें भोजन नहीं मिला, जिसके कारण मेगा जॉब फेयर में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा.
वहीं, मेगा जॉब फेयर में अव्यवस्थाओं के बारे में जब रोजगार विभाग की आयुक्त रेनू जयपाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेले में उम्मीद से ज्यादा बेरोजगार युवा आए. हमें उम्मीद थी कि सिर्फ 5000 युवा ही यहां पहुंचेंगे. लेकिन यहां 26000 से ज्यादा युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया, जिससे थोड़ी अव्यवस्था हुई. भविष्य में इसका ख्याल रखा जाएगा।' रेनू जयपाल ने कहा कि मेगा जॉब फेयर का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके. इसके लिए देश की 40 नामी कंपनियों के प्रतिनिधि मेले में पहुंचे. जिन्होंने दस्तावेजों और साक्षात्कार के आधार पर युवाओं को रोजगार दिया। दौसा जॉब फेयर में एक हजार से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को कंपनियों ने नियुक्ति पत्र सौंपे। आपको बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दौसा में मेगा जॉब फेयर में आने का कार्यक्रम भी प्रस्तावित था, लेकिन बिप्रजॉय तूफान के कारण पश्चिमी राजस्थान में हुई तबाही के कारण सीएम का दौसा दौरा रद्द कर दिया गया था. अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद दौसा के मेगा जॉब फेयर में पहुंचते तो युवाओं की भारी भीड़ देखकर बेहद खुश होते, लेकिन मेले में अव्यवस्थाओं पर नाराजगी भी जाहिर कर सकते थे।