अलवर न्यूज: एक माह पहले रणथंभौर से लाई गई बाघिन एसटी 30 को पहली बार अलवर के सरिस्का में वन मंत्री के सामने देखा गया। वन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने रविवार को बाघिन को देखा। घनका के जंगल में उसे बाघिन के अलावा तेंदुआ भी दिखा। सरिस्का में अब 28 बाघ हैं। यह जानकर वन मंत्री ने भी खुशी जाहिर की।
वन मंत्री के साथ अधिकारी भी जिप्सी में:
वन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ सीसीएफ आरएन मीणा, डीएफओ डीपी जगावत, एसडीएम केशव मीणा भी सफारी पर थे। सीसीएफ ने बताया कि भागनी वन क्षेत्र में बाघिन एसटी 30 को देखा गया। भगनी इलाके में ही तेंदुआ देखा गया।
इस दौरान मंत्री ने सरिस्का में बाघ प्रबंधन, खरपतवार उन्मूलन की जानकारी ली। साथ ही बाघ प्रबंधन को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने यह जानकर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि अब सरस्का में बाघों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है।
बाघ टी-134 को रणथंभौर से सरिस्का लाया गया। जिसे घनका के जंगल में छोड़ दिया गया। पहले कुछ दिन बाड़े में रखा। इसके बाद बाघिन को खुले जंगल में छोड़ दिया गया। पहली बार इस बाघ को देखने की बात सामने आई। वह भी मंत्री के आने पर। हालांकि इससे पहले कोई साइटिंग हुई हो तो वन प्रशासन ने इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की।