कोटा क्राइम न्यूज़: राजस्थान के कोटा में बहुचर्चित 200 करोड़ रुपए की महाठगी मामले में एसआईटी की टीम (SIT Team) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने गुरुवार को आरोपी नायब तहसीलदार लटूरी निवासी प्रदीप जैन (Pradeep Jain) को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि प्रदीप जैन ने अपनी पत्नी को डायरेक्टर बनाकर निवेशकों को करीब 12 करोड़ रुपए का चुना लगाया था। डीएसपी अमर सिंह (DSP Amar Singh) के नेतृत्व में गठित एसआईटी की टीम (SIT Team) अपेक्षा ग्रुप ठगी मामले (Apeksha Group Fraud Case) की जांच में जुटी हुई है। इस मामले में अब तक कंपनी डायरेक्टर मुरली मनोहर नामदेव (Murli Manohar Namdev), संजय कश्यप (Sanjay Kashyap) सहित करीब 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ठगी मामले में तीन मुख्य आरोपियों में से अभी हरिओम सुमन (Hariom Suman) पुलिस की गिरफ्तर से दूरी है।
मुख्य आरोपी 23 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर: इससे पहले सोमवार को गुमानपुरा पुलिस (Gumanpura Police) ने मुख्य आरोपी अपेक्षा ग्रुप के निदेशक मुरली मनोहर नामदेव (Murli Manohar Namdev) को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे 23 सितंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। आरोपी मुरली मनोहर नामदेव (Murli Manohar Namdev) समय से फरार था। जिसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने 10 हजार का इनाम घोषित किया था। आरोपी ने कोर्ट में पहुंचकर सरेंडर किया, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था।
ये है पूरा मामला: मुख्य आरोपी मुरली मनोहर नामदेव (Murli Manohar Namdev) निवासी बारां ने साल 2012 में अपेक्षा ग्रुप के नाम से कंपनी शुरू की। उसने रकम दुगुनी करने का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाया। फिर अन्य जिलों में अपना नेटवर्क बिछाया। इसके बाद एक कंपनी से एक दर्जन कंपनियां खड़ी कर दी। 3 साल में निवेशकों को रकम दुगनी करने का झांसा सहित लुभावने ऑफर के मायाजाल में हजारों लोगों को फंसाया। कंपनी ने कोटा संभाग के करीब ढाई से 3 हजार निवेशकों से ठगी की। आरोपियों ने लोगों को अमीर बनने के सपने दिखवाकर इनवेस्ट करवाया और निवेशकों के करोड़ों रुपए लेकर सब कुछ समेटकर फरार हो गए।
कंपनी के डायरेक्टर्स सहित अन्य लोगों के खिलाफ गुमानपुरा, भीमगंजमंडी, जवाहरनगर, आरकेपुरम सहित अन्य थानों में धोखाधड़ी के करीब 90 मामले दर्ज हैं। इस पूरे मामले की जांच अब एसआईटी कर रही है। अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में तीन मुख्य आरोपियों में से मुरली मनोहर नामदेव और संजय कश्यप को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन, अभी हरिओम सुमन पुलिस की गिरफ्त से दूर है। एसआईटी की टीम पकड़े गए आरोपियों से कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ के निवेशकों से की गई ठगी के बारे में पूछताछ में जुटी हुई है।