जोधपुर। मुख्यमंत्री की मंशा और जनकल्याण के प्रति दृढ़संकल्प इतना प्रगाढ़ है कि अभावों से भरे जीवन को आसान बनाने के लिए अवसर खुद ब खुद रास्ते बनाकर उन तक पहुंच रहे हैं जिन्हें अपना जीवन निर्वाह कई मुश्किलों से भरा होने का मलाल था। हाथों हाथ विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ ही आहत को राहत के सरकार द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों का ही नतीजा है कि महंगाई राहत शिविरों में हर जरूरतमन्द को राहत का अहसास हो रहा है और शिविर से लौटते वक्त जीवन निर्वाह के सुकून और भविष्य के सुरक्षित एवं निश्चिन्त होने का वरदान मुस्कान तैराने लगा है।
बात जोधपुर जिले के ग्राम पंचायत गगाड़ी में लगे महंगाई राहत कैम्प की है। इसमें गगाड़ी निवासी ग्रामीण श्रवण सिंह अपने परिवार के साथ गाँव में लगे महंगाई राहत कैंप में आये और एक साथ आत्मनिर्भरता की बड़ी-बड़ी सौगातें पाकर आश्चर्यचकित रह गए। हुआ यूं कि अपने गाँव में लगे महंगाई राहत कैंप में अपने भाई के साथ श्रवण सिंह यूं ही साथ आ गए और कैंप में एक कोने में लगी कुर्सी पर बैठ अपने भाई के लौटने का इंतज़ार करने लगे तभी शिविर प्रभारी, उपखण्ड अधिकारी प्रमोद सीरवी की नज़र उन पर पड़ी। सीरवी ने बड़ी ही आत्मीयता के साथ श्रवण से उनकी विकलांगता और घर-परिवार की स्थिति के बारे में जानकारी ली। बातों ही बातों में सीरवी को जानकारी मिली की श्रवण सिंह पारिवारिक व्यस्तता के कारण पिछले पांच वर्षों से अपनी विकलांगता का प्रमाण पत्र नहीं बनवा पाए और इस प्रकार पेंशन के लाभ से भी वंचित रहे। इस पर शिविर प्रभारी ने कैंप में उपस्थित सामाजिक सुरक्षा अधिकारी मगराज कटारिया को इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
महंगाई राहत कैंप एवं प्रशासन गांवों के संग अभियान 2023 में उपस्थित सामाजिक सुरक्षा अधिकारी मगराज कटारिया ने भी पूरी संवेदनशीलता के साथ कुछ ही क्षणों में श्रवण सिंह को को हाथों हाथ विकलांगता प्रमाण पत्र जारी कर पांच साल से चल रही मुराद को पूरी की। इसके बाद तुंरत पेंशन एवं पालनहार योजना अंतर्गत स्वीकृति दिलवाई ।
श्रवण सिंह ने अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि गरीब को गणेश मानकर उनकी हर संभव सहायता करने वाले मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इन महंगाई राहत कैंपों के माध्यम से हर व्यक्ति तक राहत उसके द्वार पर पहुँच रही है।