बगीची में 150 वर्ष पूर्व नेपाल से लाकर स्थापित किया गया था शिवलिंग

Update: 2023-07-17 05:48 GMT

झुंझुनू न्यूज़: हरियाणा में बावल गांव के एक घी व्यापारी करीब 150 साल पहले नेपाल से शिवलिंग लेकर आए और शहर में शाहों के कुएं के निकट बावलियों की बगीची में स्थापित किया था। इन व्यापारी का नाम सेडमल बावलिया था। जिनके नाम पर बाद में इस बगीची का नाम भी बावलियों की बगीची पड़ा। बगीची मंदिर के व्यवस्थापक विजय कुमार बावलिया ने बताया कि उनके पूर्वज रेवाड़ी के पास स्थित बावल गांव के थे। जिनका घी का व्यापार था। व्यापार के सिलसिले में झुंझुनूं आते रहते थे। इसके बाद यहां जमीन भी खरीदी। व्यापार के ही सिलसिले में ही नेपाल गए थे। भगवान शिव में श्रद्धा होने के कारण वहां से आते समय शिवलिंग भी ले आए। जिसे अपनी खरीदी गई जमीन में स्थापित किया। यहां आज भी बावलिया परिवार के सदस्यों द्वारा ही पूजा व आरती की जाती है।

सावन के हर सोमवार को विशेष शृंगार: सावन में यहां विशेष आयोजन होते हैं। पंडित रमाकांत बावलिया ने बताया कि मंदिर परिसर में सावन के हर सोमवार, शिवरात्रि व गुरु पूर्णिमा पर शिवलिंग का विशेष शृंगार किया जाता है। रक्षाबंधन से पहले दिन सावन शुक्ल चतुर्दशी के दिन मंदिर परिसर में विशेष शृंगार, छप्पन भोग की झांकी व भजन संध्या होती है।

Tags:    

Similar News

-->