Shahpura: जहाजपुर में दूसरे दिन भी धरना जारी

Update: 2024-09-15 11:34 GMT
Shahpura शाहपुरा: शाहपुरा जिले के जहाजपुर में शनिवार को हुए पथराव की घटना के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। रविवार को एक बार फिर हिन्दू संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोग बेवाण जुलूस निकालने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। धरना स्थल पर विधायक गोपीचंद मीणा भी मौजूद हैं, जो अवैध निर्माण ध्वस्त करने और नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। कस्बे के प्रमुख बाजार, जहाजपुर, पंडेर, खजूरी, और पारोली बंद हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। शनिवार को राम रेवाड़ी जुलूस पर हुए पथराव के बाद लोगों में भारी आक्रोश है। इस घटना ने धार्मिक और सामाजिक तनाव को और बढ़ा दिया है।
रविवार को विधायक गोपीचंद मीणा ने साफ तौर पर प्रशासन से मांग की है कि पथराव के कारण बेवाण का जुलूस नहीं निकल सका, जिसे सम्मान के साथ जलविहार के लिए तालाब तक जाने और वापस लाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने पथराव के संबंध में पुलिस को 35 लोगों के नाम दिए हैं, लेकिन केवल 9 लोगों की गिरफ्तारी ही की गई है। विधायक और हिन्दू संगठनों ने नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी और अवैध निर्माण को ध्वस्त किए जाने तक धरना जारी रहने की बात कही है। मीणा ने कहा कि वे किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि हर समाज का सम्मान करते हैं और चाहते हैं कि हर कोई अपना त्योहार शांति और भाईचारे के साथ मनाए।
शनिवार की घटना के बाद से कस्बे में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अजमेर संभागीय आयुक्त, पुलिस आईजी, शाहपुरा कलेक्टर और एसपी मौके पर डेरा डाले हुए हैं। कस्बे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है और दोनों पक्षों के बीच वार्ता की कोशिशें जारी हैं। शनिवार को पथराव के दौरान इलाके में जो हिंसा हुई, उससे स्थिति और भी जटिल हो गई है। संवेदनशील इलाकों में विशेष पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
शाहपुरा कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि हालात नियंत्रण में रहें। अवैध अतिक्रमण के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है, जिसमें तालाब के पास कुछ अवैध केबिन हटाए गए हैं। दो इमारतों को भी नोटिस जारी किया गया है। शेखावत ने कहा कि पुलिस कार्रवाई नियमानुसार की जा रही है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है।
शनिवार को जुलूस के दौरान हुई पत्थरबाजी के बाद लोग बेवाण पालकी को कल्याणजी मंदिर के पास छोड़कर धरने पर बैठ गए थे। यह धरना रात 11 बजे समाप्त हो गया था लेकिन पालकी वहीं छोड़ दी गई थी। रातभर 10 लोग पालकी के पास डटे रहे। बेवाण जुलूस को दोबारा निकालने के लिए हिन्दू संगठन और प्रशासन के बीच बातचीत जारी है, लेकिन फिलहाल किसी निर्णय पर सहमति नहीं बन पाई है। जुलूस को निकालने की अनुमति देने को लेकर प्रशासन असमंजस में है, क्योंकि 16 सितंबर को बारावफात का त्योहार है और पुलिस और प्रशासन दोनों पर दबाव बढ़ रहा है। कलेक्टर शेखावत और एसपी राजेश कांवट ने स्थानीय निवासियों से संयम बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर रख रहा है।
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