उदयपुर। आरपीएससी की ओर से आयोजित वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में पकड़े गए सभी 55 अभ्यर्थियों को दो अलग-अलग गाड़ियों में लेकर पुलिस रविवार सुबह 7.30 बजे ही मजिस्ट्रेट के घर पहुंची। इसके बाद 7 महिला आरोपियों को 2 दिन और अन्य 48 आरोपियों को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया। इधर, सभी आरोपी जालोर और जोधपुर जिले के होने से वहां भी पुलिस दल भेजे गए है, जो मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि पेपर लीक मामले में आरोपियों से पूछताछ के बाद लिखित कार्रवाई पूरी की गई। रविवार सुबह मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। आगामी 2 दिनों में 7 महिला अभ्यर्थियों से पूछताछ कर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि उन्होंने पेपर के लिए सबसे पहले किस से बात की और किसने उन्हें इस बारे में सब कुछ बता रहा था।
अब उदयपुर पुलिस की पकड़ में आए सुरेश विश्नोई और भजनलाल को भी आमने-सामने बिठाकर लंबी पूछताछ होगी। सुरेश ढाका और भूपेंद्र की तलाश की जा रही है। उदयपुर से जालोर, जयपुर और जोधपुर के लिए टीमें रवाना की गई, जो लगातार दबिश दे रही हैं। उल्लेखनीय है कि शनिवार को भर्ती परीक्षा से पहले उदयपुर से इन अभ्यर्थियों को बस में सवार कर सिरोही की ओर ले गए और बाद में वहां से पुन: उदयपुर लौट रहे थे। करीब 8 घंटे तक चलती बस में अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व करवाया गया। इधर, मुखबिर की सूचना पर उदयपुर पुलिस पूरे समय इनका पीछा करती रही और बेकरिया थाने के पास नाकाबंदी कर बस और उसको एस्कॉर्ट कर रही कार को रोक पेपर सॉल्वर, अभ्यर्थी सहित 55 आरोपियों को दबोचा गया। इनके कब्जे में मिले पेपर पर लिखे प्रश्न का मूल प्रश्न पत्र के 80 फीसदी प्रश् नों से हूबहू मिलान हुआ।
इस पर आरपीएससी ने पर्चा आउट मानते हुए इस परीक्षा को निरस्त किया। पकड़े गए 42 अभ्यर्थियों में दो एमबीबीएस सहित कुल उन 55 गिरफ्तार किए गए हैं। इन अभ्यर्थियों ने किसी ने 10 लाख तो किसी ने 15 लाख रुपए में सौदा किया था। शाम को आरपीएससी की फुल कमीशन की बैठक में 46 अभ्यर्थियों को भविष्य की सभी परीक्षाओं से डिबार कर दिया गया है, वहीं पेपर लीक मामले में 4 सरकारी कर्मचारियों प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार, वरिष्ठ शिक्षक रावताराम, कनिष्ठ सहायक पुखराज और सेकंड ग्रेड टीचर भागीरथ को निलंबित किया गया है।