अजमेर में 10 सूत्रीय मांगो को लेकर JLN हॉस्पिटल में सीनियर डॉक्टर्स ने किया प्रदर्शन
अजमेर: अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर्स के द्वारा मंगलवार को इमरजेंसी के बाहर विरोध जताया गया। डॉक्टर्स ने 10 सूत्रीय मांगों को जल्द पूरा करने की मांग रखी। मांगे पूरी नहीं होने पर 15 अगस्त से संपूर्ण कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी गई है। जेएलएन हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अरविंद खरे ने बताया कि 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सीनियर डॉक्टर्स 101 दिनों से लामबंद थे। मंगलवार से सभी डॉक्टर संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर थे। लेकिन सोमवार शाम प्रिंसिपल हेल्थ सेक्रेट्री, हेल्थ सेक्रेट्री फाइनेंस, ज्वाइंट हेल्थ सेक्रेट्री और s.m.s. प्रिंसिपल सहित पदाधिकारियों के बीच में वार्ता हुई। मीटिंग में उनके प्रस्ताव स्वीकार किए गए और मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था। अधिकतर मांगों पर सहमति हुई लेकिन कुछ मांगों पर असहमति जाहिर की गई है।
मंगलवार को जेएलएन के सीनियर डॉक्टर्स के द्वारा कार्य बहिष्कार का प्रोग्राम स्थगित कर सिर्फ प्रदर्शन किया है। सभी डॉक्टर्स बुधवार से धरना प्रदर्शन करेंगे। 15 अगस्त तक गवर्नमेंट को समय दिया गया है। खरे ने बताया कि ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक मांगों को पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 10 सालों से सभी डॉक्टर्स अपनी डिमांड को लेकर लामबंद है। 10 सूत्रीय मांगों को जल्द पूरा किया जाए। अगर 15 दिन बाद भी उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो सभी सीनियर डॉक्टर संपूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे। प्रदर्शन के दौरान सीनियर डॉक्टर अनिल सांमरिया सहित अन्य डॉक्टर्स मौजूद रहे।
डॉक्टर अरविंद खरे ने बताया कि 21 अप्रैल, 24 अप्रैल व 26 मई को प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा के आदेश द्वारा चिकित्सक शिक्षकों की मेडिकल कैडर, सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड, एमएमसी के आधार पर प्रमोशन, एकेडमिक हाईरिस्क एवं अन्य एलाउंस, सीनियर डेमोंस्ट्रेटर का प्रमोशन, वेतन विसंगति व परामर्श शुल्क की वृद्धि इत्यादि मांगो का परीक्षण करने के लिए पिछले महीनों में तीन बार समिति गठित की जा चुकी है। समिति चिकित्सकों से 9 मई, 30 मई व 23 जून को वार्ता भी कर चुकी है। सभी मांगों पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन कोई भी मांग पूरी नहीं हुई। सरकार ने निजी चिकित्सक के लिए आरजीएचएस रोगियों से लिया जाने वाला परामर्श शुल्क विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए 1 वर्ष में 135 रुपए से 350 रुपए कर दिया, लेकिन मेडिकल कॉलेज टीचर्स द्वारा लिया जाने वाला परामर्श शुल्क 2011 से अभी तक नहीं बढ़ाया है।