मतदाता सूचियों का द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 2023- राजनीतिक दलों
मतदाता सूचियों के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम को लेकर निर्वाचन विभाग की मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ गुरुवार को बैठक आयोजित हुई। बैठक में मतदाताओं सूचियों के पुनरीक्षण कार्यक्रम, मतदान केन्द्रों के पुनगर्ठन, आयोग की ओर से किए गए नवाचारों के बारे में चर्चा की गई।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता ने कहा कि द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन किया जा चुका है तथा इस प्रारूप मतदाता सूची के माध्यम से मतदाता विवरण, मतदान केन्द्र आदि के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रारूप मतदाता सूची के विवरण में संशोधन के लिए दावे एवं आपत्तियां 19 सितम्बर तक प्रस्तुत कर सकते हैं तथा इसके लिए प्रदेश के सभी मतदान केन्द्रों पर दिनांक 27 अगस्त एवं 10 सितम्बर को विशेष कैम्प भी आयोजित किए जाएंगे। इन कैम्प में बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) मतदान केन्द्र पर उपस्थित रहकर आपत्तियां प्राप्त करेंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल अपने बूथ लेवल अभिकर्ताओं के ज़रिए मतदाता सूचियों में नए मतदाताओं का नाम जुड़वाने के कार्य में बीएलओं का सहयोग करें। साथ ही वे अपने निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में मृत स्थानांतरित या दोहरी प्रविष्टियों की सूची डीईओ, ईआरओ या बीएलओ को देवें।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रतिनिधियों को अवगत करवाया कि 601 नए मतदान केन्द्रों का गठन एवं 32 मतदान केन्द्रों का समायोजन किया गया है, जिससे कुल 569 मतदान केन्द्रों की बढ़ोतरी हुई हैअब राज्य में मतदान केन्द्रों की कुल संख्या 51 हजार 756 है। साथ ही, इसमें 427 मतदान केन्द्रों का भवन परिवर्तन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि 1425 से अधिक मतदाताओं की संख्या वाले एवं 2 किमी. की परिधि से अधिक दूरी पर स्थित मतदान केन्द्रों का पुनर्गठन किया गया है।
श्री गुप्ता ने आयोग के नवाचारों का जिक्र करते हुए कहा कि मतदाताओं को नाम जुड़वाने, संशोधन आदि के ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने के साथ ही निर्वाचन से संबंधित जानकारियां एसएमएस के माध्यम से प्रदान की जा रही है। इस दौरान उन्होंने ई-ईपिक डाउनलोड करने की जानकारी भी दी तथा वोटर हेल्पलाइन एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की अपील भी की।
बैठक में निवार्चन विभाग के अधिकारियों के साथ ही विभिन्न मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।