बाड़मेर। बाड़मेर जिले के तारातरा गांव के ग्रामीण बीते 12 दिनों से लेपर्ड की दशहत से परेशान हैं। बीते चार दिनों से वन विभाग की टीम स्थानीय लोगों की मदद से तलाश कर रही है। जोधपुर से आई टीम दूसरे दिन भी रेस्क्यू में लगी रही। लेकिन, लेपर्ड तारातरा गांव की पहाड़ियों में छुप गया है। जोधपुर से आई टीम के एक सदस्य का कहना है कि लेपर्ड इंसान पर कभी हमला नहीं करता है। जब उसे इंसान छेड़ता है तब वह अपने बचाव में हमला करता है। फिलहाल, लेपर्ड तारातरा गांव की 40-50 किलोमीटर एरिया की पहाड़ियों में छिपा हुआ है।
दिन के समय मूवमेंट नहीं करता है। रात के समय शिकार के लिए निकलता है। टीम ने बीती रात को दो पिंजरे भी लगाए थे। सोमवार को भी रेस्क्यू टीम लगी हुई है। अभी तक लेपर्ड का मूवमेंट देखने को नहीं मिला है। हालांकि पगमार्क के आधार पर लेपर्ड की पुष्टि हो गई है। जोधपुर रेस्क्यू टीम के मुताबिक शनिवार को हम लोग बाड़मेर तारातरा पहुंच गए थे। ग्रामीणों ने मवेशियों को मारे जाने के बारे में बताया था। पगमार्क देखे वो भी लेपर्ड के ही हैं। लेपर्ड जहां पर अभी छिपा है वो पहाड़ियों और जंगल का एरिया है।
ऐसी जगह जानवर को पकड़ना मुश्किल है। ट्रेंकुलाइज तब करते है जब जानवर आबादी या खुली जगह में आ जाए। पहाड़ी इलाके में पैदल जाकर ट्रेंकुलाइज करना ठीक नहीं है। वहीं ग्रामीणों को हिदायत दी गई है कि मवेशियों को खुला नहीं छोड़े। लेपर्ड शर्मिला जानवर है आदमी को देखकर छुपने की कोशिश करता है। किसी पर अटैक नहीं करता है। अटैक उसी हालात में करता है जब कोई भी जाकर उसे छेड़ता है। इसका रात के समय में मूवमेंट रहता है। तब लोगों को सावधानी रखनी चाहिए।