कोटा: सीवरेज लाइन के कारण खोदी सड़कों की समस्या का सामना शहर के जिन स्थानों के लोग कर रहे हैं उनमें कोटा दक्षिण के वार्ड नम्बर 63 के नागरिक भी हैं। हां, ये बात भी सही है कि वार्ड में कुछ विकास कार्य भी हुए हंै लेकिन बीते कई महीनों से इस वार्ड के लोग सड़कों पर पड़े गड्ढ़ों के दंश को भी झेल रहे हैं। पार्षद के अब तक के कार्यकाल को कुछ लोग अच्छा बताते हैं तो कुछ का कहना है कि वार्ड में कोई काम नहीं हुआ हैं। फिलहाल वार्ड की एक बड़ी समस्या हैं कि यहां पर पार्किंग सुविधा नहीं है। इस बात को वार्ड पार्षद भी मानते है। कोटा नगर निगम दक्षिण के वार्ड 63 में करीब-करीब पूरा बसंत विहार इलाका आता है। वार्ड में लगभग 4500 मतदाता हैं। इस वार्ड में अंकलंक रोड, सिद्धि विनायक रोड, मुक्तिधाम के पीछे का इलाका तथा तीन बत्ती सर्किल का कुछ क्षेत्र आदि स्थान आते हैं। इनमें से कई स्थानों की सड़कें बीते कुछ महीनों से उधड़ी पड़ी हैं। वार्ड की करीब 75 प्रतिशत नालियों का ठीक होना अभी शेष हंै और इस बात को खुद वार्ड पार्षद भी स्वीकारते है। वार्ड में जरूर कुछ स्थानों पर सीसी सड़क बनी हैं तो कुछ जगहों पर नई रोड लाइट भी लगी हैं।
वार्ड के कुछ लोगों का कहना है कि वार्ड में जहां देखो समस्याएं ही नजर आती है। लेबर नहीं होने के कारण वार्ड के उद्यानों की देखरेख नहीं हो पाती लेकिन किसी का इस समस्या की ओर ध्यान नहीं जाता है। सीवरेज लाइन के लिए सड़क खोद दी गई लेकिन ना काम हुआ और ना सड़क पर बने गड्ढेंÞ ठीक हुए। नतीजतन लोगों को वाहनों पर ही नहीं पैदल तक चलने में पैर मुड़ने का डर लगता है। वार्ड की गलियों में श्वान दिनभर घूमते रहते हैं ऐसे में बच्चों को घर से बाहर खेलने के लिए छोड़ ही नही सकते हैं। वहीं वार्ड के कुछ नागरिक ये भी कहते हैं कि वर्तमान पार्षद ने उनके वार्ड में स्थित पार्क में से 1-2 की दशा सुधारी हैं। अब अगर निगम की ओर से लेबर ही उपलब्ध नहीं करवाये जाए तो इसमें पार्षद का क्या कसूर है। इन लोगों का कहना है कि वार्ड में सीसी सड़कें बनाई गई हैं। आवारा जानवरों से करीब करीब मुक्ति मिल चुकी है। नालियों के हालात जरूर खराब है, इस कारण कई बार सड़कों पर गंदा पानी फैल जाता है। वार्ड पार्षद बताते है कि उन्होंने वार्ड के विकास में कोई कमी नहीं रखी है। वार्ड में अब तक दो करोड़ से अधिक के विकास कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। इनमें से कई कार्य पूर्णता की ओर है तो कुछ का काम चलना बाकी है। वो कहते है कि वार्ड में इस समय सबसे ज्यादा जरूरी काम नालियों को ठीक करवाना और नई बनवाना है जो जल्द ही शुरू हो जाएगा। वार्ड में नालियों का काम केवल 25 प्रतिशत तक ही हो पाया है।
इनका कहना है...
पहले वार्ड में स्थित 9 पार्क में से एक भी ठीक नहीं था। अब तक कुछ पार्क के हालात सुधार जा चुके हैं। वार्ड की सबसे बड़ी समस्या मुक्तिधाम के पीछे खाली पड़े भूखंड थे जिनका समाधान किया जा चुका हैं। इसके अलावा सीसी रोड बनवाए हैं। वार्ड मे सामुदायिक भवन की महत्ती आवश्यकता है।
-पी.डी. गुप्ता, वार्ड पार्षद।
वार्ड की नालियां भरी हुई हैं। सीवरेज के कारण महीनों से गलियों की सड़कें खुदी पड़ी है। कई बार वाहन चालक गिर चुके हैं। हरदम दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। वार्ड में हर तरफ श्वान नजर आ रहे हैं।
-मुकेश चन्द, वार्डवासी।
जिधर देखो समस्याएं ही समस्याएं नजर आती हैं। लेबर नहीं होने के कारण वार्ड के उद्यानों की हालत बहुत खराब है। कचरा उठाने के लिए टिपर कभी-कभार ही आते हैं जिससे वार्ड में कई स्थानों पर अधिकांश मौकों पर गंदगी नजर आती है। यूआईटी ने जो जिम खोले थे उनके उपकरण दुर्दशा का शिकार हो रहे हैं।
-संजय गुप्ता, वार्डवासी।
वार्ड पार्षद वार्ड में पहले की अपेक्षा ठीक काम करवा रहे है। सिर्फ नालियों को छोड़ दिया जाए तो वार्ड की कई समस्याओं का समाधान हो चुका है। सफाई होती है लेकिन लोग भी आदतों से बाज नहीं आते तो फिर से गंदगी फैली नजर आती है। जहां आवश्यकता थी वहां सीसी सड़क बनवाई गई है। अब काम चलता है तो कुछ दिन परेशानी उठानी ही पड़ती है।
-भरतसिंह कुशवाह, वार्डवासी।