डूंगरपुर । डूंगरपुर जिले के प्रभारी सचिव आईएएस श्री राजेंद्र विजय दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को डूंगरपुर पहुंचे। प्रभारी सचिव श्री विजय की अध्यक्षता में जिला परिषद सभागार में आयोजित बैठक में जिले में पेयजल एवं बिजली आपूर्ति, हीट वेव और मौसमी बीमारियों, ई फाइल डिस्पोजल, अवैध खनन, ड्रग्स एवं महिला अपराधों की स्थिति, खाद्य पदार्थों में मिलावट, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन सहित आमजन से जुडे अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर समीक्षा की। जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन की उपस्थिति में प्रभारी सचिव ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों से विभागवार समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। पेयजल आपूर्ति व्यवस्था से शुरुआत करते हुए प्रभारी सचिव ने डूंगरपुर शहर की जनसंख्या, कुल जल उत्पादन, वर्तमान सर्विस लेवल, सप्लाई अंतराल, कार्यरत नलकूपों की संख्या और नल कनेक्शन की संख्या और गर्मी में पेयजल वितरण व्यवस्था को सुधारने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी ली। इस पर एसई पीएचईडी ने बताया कि डूंगरपुर शहर के लिए वर्तमान में 4 एमएलडी जल उत्पादन हो रहा है। 72 घंटों में निर्धारित क्षेत्रवार पेयजल आपूर्ति की जा रही है। प्रभारी सचिव ने जल जीवन मिशन के तहत डूंगरपुर शहर के लिए विस्तृत प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क पेयजल टेंकर के माध्यम से भी पेयजल आपूर्ति की जा रही है। जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में 34,846 हैंडपंप क्रियाशील है। प्रभारी सचिव ने जिले में सभी हेंडपम्प को फंक्शनल करने के निर्देश दिए।
वहीं गर्मी को देखते हुए पशु-पक्षियों के लिए भी पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पानी और बिजली से जुड़े अधिकारी फील्ड में रहें और आमजन की समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। यदि कोई समस्या आती है, तो जिला कलक्टर के नोटिस में लाएं। लगभग दो घंटे से भी अधिक समय तक चली मीटिंग के दौरान प्रभारी सचिव का सबसे ज्यादा जोर आमजन को पानी, बिजली और चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने पर रहा। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी एक्टिव रहें और नियमित रूप से ग्राउंड लेवल से फीडबैक लेकर आमजन की समस्याओं का निस्तारण करें। उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों से फील्ड में रहने और नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान समय में पीएचईडी, एवीवीएनएल और चिकित्सा विभाग ज्यादा से ज्यादा फील्ड में रहें और लोगों से सीधा संवाद करने का प्रयास करें।
प्रभारी सचिव ने सीएमएचओ डॉ. अलंकार गुप्ता से जिले में सीएचसी, पीएचसी में चिकित्सकों के स्वीकृत, कार्यरत और रिक्त पदों की जानकारी ली। इस पर सीएमएचओ ने बताया कि जिले में अधिकतर स्वीकृत पद भरे हुए हैं और स्टाफ की कमी नहीं है। हीटवेव के लिए पीएचसी स्तर तक रेपिड रेस्पॉन्स टीमों का गठन किया गया है। ओआरएस, आईवी फ्लुइड सहित अन्य आवश्यक जीवनरक्षक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। लू-तापघात के मरीजों के लिए पीएचसी, सीएचसी और पीएमओ स्तर पर बेड आरक्षित किए गए हैं। वार्डों में कूलर, पंखों, पेयजल, आपातकालीन किट आदि की पर्याप्त व्यवस्था है। सभी पीएचसी और सीएचसी में पानी और बिजली की व्यवस्था है और विकल्प के तौर पर इनवर्टर और जनरेटर भी हैं। जिले में अभी तक हीट वेव से एक भी मृत्यु नहीं हुई है। वहीं, हीट वेव के 10 संदिग्ध मरीज सामने आए हैं, जिनका हरिदेव जोशी जिला चिकित्सालय में उपचार चल रहा है। पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन से जिले में महिला अत्याचार संबधित और पोक्सो के तहत दर्ज प्रकरणों की जानकारी ली और आवश्यकतानुसार केस ऑफिसर स्कीम में लेकर न्यायालयों में चालान पेश करने के निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर कुलराज मीणा, जिला परिषद सीईओ मुकेश चौधरी सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।