100 करोड़ का राजस्व, लेकिन पीने के पानी को तरसते ग्रामीणों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

Update: 2023-10-09 12:08 GMT
राजस्थान स्टेट मिनरल लिग्नाइट लिमिटेड द्वारा बाड़मेर के गिरल गांव में संचालित हो रही कोयला खदान कार्यरत ट्रक ड्राइवर, कार्मिकों और स्थानीय ग्रामीणों ने शोषण का आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
 ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को गिरल गांव में संचालित हो रही खदान से सालाना 100 करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिल रहा है। लेकिन सरकार स्थानीय लोगों की मूलभूत सुविधाओं को लेकर गंभीर नहीं है। स्थानीय ग्रामीण सड़क, पेयजल, पानी और खदान से निकलने वाले धूल और धुएं से परेशान हैं। इस प्रदूषण से स्थानीय ग्रामीणों को गंभीर बीमारियां हो रही हैं और इन खदानों से कोयला परिवहन करने के लिए चल रहे ट्रकों से सड़कों की खस्ता हाल हो रही है।
खनन गतिविधियों से पेयजल आपूर्ति से जुड़े पाइपलाइन तक तोड़ दी गई है। कई बार स्थानीय प्रशासन से गांव की सड़कों की मरम्मत करवानी और पेयजल वापस व्यवस्था सुचारू करने की मांग की गई। लेकिन जिला प्रशासन ने उनकी मांगों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है। ऐसे में सोमवार को स्थानीय ग्रामीणों के साथ खदान में कार्यरत ट्रक ड्राइवर और कार्मिकों ने भी श्रम विभाग के नियमों को खदान श्रमिकों पर भी लागू करने की मांग की।
इन श्रमिकों का कहना है कि इन खदानों में श्रम विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं। श्रम विभाग की गाइडलाइन में साफ लिखा है कि कोई भी कार्मिक आठ घंटे से ज्यादा काम नहीं करेगा। लेकिन इन खदानों में उनसे 12-12 घंटे काम करवाया जाता है। साथ ही नियम है कि प्रत्येक कर्मचारियों का पीएफ काटा जाए, उन्हें सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं। लेकिन इन खदानों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दिख रही है।
ऐसे में सरकार उनका शोषण कर रही है, जिसके चलते इन लोगों में रोष व्याप्त है। साथ ही उन्होंने जल्द ही उनकी समस्याओं के समाधान की मांग की है। यदि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी है।
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