खुलासा: सरकारी तंत्र की सांठगांठ से चल रही थी बीफ मंडी

बीफ मंडी

Update: 2024-02-21 06:57 GMT

अलवर: किशनगढ़बास स्थित रूंध गिदावड़ा के बीहड़ में मेदावास निवासी इक्बाल और वारिस नाम के व्यक्ति बीफ की मंडी चलाते थे। सरकारी तंत्र की सांठगांठ से पूरा नेटवर्क काम कर रहा था। सरकारी जमीन पर कब्जा करने के बाद निगम के अधिकारियों से सांठगांठ कर बिजली कनेक्शन तक ले लिए थे। पुलिस ने गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मुख्य आरोपी इकबाल और वारिस अभी फरार हैं। हब्बी, मन्नान, शाहरूख, साहुन और सोहिल भी गिरोह में शामिल हैं। आरोपियों के हरियाणा के लोगों से भी संपर्क थे। घटना के बाद फरार हुए गौकशी के आरोपी हरियाणा में शरण लिए हुए हैं।

द्युत विभाग के एईएन को किया एपीओ: सरकारी जमीन पर कनेक्शन देने के मामले में जयपुर डिस्कॉम के सचिव (प्रशासन) एनएस नाथावत ने किशनगढ़बास के एईएन दिनेश भड़ाना को एपीओ है। उनका मुख्यालय जोनल चीफ इंजीनियर भरतपुर किया है।

पुलिस ने इन आरोपियों को किया गिरफ्तार: किशनगढबास में बीफ मंडी लगने का मामले मर खैरथल-भिवाड़ी एसपी अनिल बेनीवाल की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। गौकशी करने वाले 22 आरोपियों में से मेदावास निवासी रती खां पुत्र कल्लू, सालीम पुत्र अयूब, कासम पुत्र फजरू, बिरसंगपुर निवासी मौसम पुत्र जोरमल व असलम पुत्र खुर्शीद को गिरफ्तार किया है। अभी तक पुलिस बीफ मंडी के मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंची है। पुलिस मामले में अभी तक 50 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है।

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