जनसुनवाई में नहीं पहुंचे जिम्मेदार, 13 महीने बाद भी नहीं मिले आवासीय भूखंड के पट्टें
कवाई न्यूज़: कस्बे में गुरुवार को जन समस्याओं की सुनवाई को लेकर ग्राम पंचायत में कस्बेवासी तो अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे परंतु जिम्मेदार अधिकारियों के नहीं पहुंचने से समस्याओं को लेकर पहुंचे ग्रामवासियों को पंचायत के चक्कर काटने पड़े। पंचायत राज विभाग के पोर्टल पर पट्टा दिया नहीं और नाम कर आॅनलाइन दिया। राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक माह की प्रथम तारीख को प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर उच्च अधिकारियों के द्वारा जन सुनवाई शिविर का आयोजन कर लोगों की समस्या सुनने के लिए निर्देशित कर रखा है। इसको लेकर उपखंड अधिकारी ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में जनसुनवाई अधिकारी व जनसुनवाई प्रभारी नियुक्त कर रखे हैं। जनसुनवाई अधिकारी लोगों की समस्या सुनकर लोगों की समस्या का मौका पर ही निस्तारण करें अगर कोई समस्या का निस्तारण नहीं होता है तो उसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर सके। लोगों को समस्याओं से समय रहते निजात मिल सके परंतु गरुवार को कवाई ग्राम पंचायत में जनसुनवाई के नाम पर लीपापोती होती नजर आई जो मात्र ग्राम पंचायत के जनसुनवाई रजिस्टर में ही सीमित होकर रह गई यहां पर जनसुनवाई में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचने के कारण सुनवाई में पहुंचे लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा है। जनसुनवाई प्रभारी पंचायत समिति विकास अधिकारी बद्रीलाल मीणा पहुंचे जो मात्र 10 मिनट रुककर ग्राम पंचायत के जनसुनवाई रजिस्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर वापस निकल गए। यहां पर लोग शिकायतें लेकर आए उनकी प्रार्थना पत्र लेने के लिए भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था।
पट्टा प्राप्त करने के लिए काट रहे चक्कर: जनसुनवाई में आए कस्बावासी राजेंद्र नामदेव, सुरेंद्र मेहता, गिरिराज शर्मा, मुन्नी बाई ने बताया कि गत वर्ष आवासीय निशुल्क आवासीय भूखंड का निशुल्क पट्टा के लिए आवेदन किया था परंतु ग्राम पंचायत के द्वारा 13 महीने गुजर जाने के बावजूद भी हमें आवासीय भूखंड के पट्टे नहीं दिए गए। वही अपनी लापरवाही का परिचय देते हुए ग्राम पंचायत ने सरकार को अपनी उपलब्धि दिखाते हुए हमारे नाम फर्जी तरीके से पंचायत राज विभाग के पोर्टल पर पट्टा देना बताकर आॅनलाइन कर दिए हैं। ऐसे में हम ग्राम पंचायत से ठगा सा महसूस कर रहे हैं। वही पट्टा प्राप्त करने के लिए आए दिन ग्राम पंचायत के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ग्राम पंचायत में आते हैं तो ग्राम विकास अधिकारी यहां पर मिलता नहीं है। वही जन सुनवाई के दौरान भी सरपंच और सचिव जनसुनवाई से नदारद रहे। सरपंच से सम्पर्क किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
मेरी जीरोद ग्राम पंचायत में ड्यूटी थी इसलिए जनसुनवाई में नहीं पहुंच पाया।
- रामप्रताप सिंह, सचिव, ग्राम पंचायत कवाई