राजस्थान सरकार को राहत: 9 लाख बीएड डिग्रीधारी REET लेवल-1 से बाहर

Update: 2022-03-15 13:08 GMT

राजस्थान सरकार की ओर से AAG (एडिश्नल एडवोकेट जनरल) मनीष सिंघवी ने पक्ष रखा। NCTE ने B.Ed. अभ्यर्थियों को राहत देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार की ओर से नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन को नोटिस जारी कर इस पूरे मामले पर जवाब मांगा था। नवंबर 2021 में राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर ने अहम फैसले में REET लेवल-1 में केवल BSTC अभ्यर्थियों को ही योग्य माना था। साथ ही, कोर्ट ने केस में B.Ed. डिग्री वाले कैंडिडेट्स को REET लेवल-1 के लिए अयोग्य करार ठहराते हुए उनका परीक्षा परिणाम निरस्त करने के भी आदेश दिए थे। राजस्थान हाईकोर्ट के इस आदेश से ना केवल राजस्थान बल्कि देशभर के BSTC अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली। बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों को झटका लगा था। 26 सितंबर 2021 को हुई REET परीक्षा के लेवल-1 में लगभग 9 लाख B.Ed. योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी भी शामिल हुए। इसे लेकर BSTC अभ्यर्थियों ने विरोध कर दिया। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा और दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई की गई। हाईकोर्ट के जज अकील कुरैशी और सुदेश बंसल की खंडपीठ ने NCTE के नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक बताते हुए BSTC अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद दोनों परीक्षा देने वाले करीब 9 लाख अभ्यर्थी लेवल-1 के लिए अयोग्य ठहरा दिए गए।

इस मामले में NCTE ने साल 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी कर B.Ed. डिग्री धारकों को भी REET लेवल-1 के लिए योग्य माना था। साथ ही, NCTE ने यह भी माना था कि अगर B.Ed. डिग्री धारी परीक्षा में पास होते हैं, तो उन्हें इस लेवल के लिए शिक्षक के रूप में नियुक्ति के साथ 6 महीने का ब्रिज कोर्स कम्प्लीट करना होगा। NCTE के इस नोटिफिकेशन और B.Ed. डिग्रीधारी को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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