जनता से रिश्ता वेबडेस्क : राजस्थान राज्यसभा चुनाव से एक एक दिन पहले कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों के विलय मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट की जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने मामले में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है। हाल ही में बसपा ने कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को व्हिप जारी कर निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के पक्ष में वोट डालने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के प्रार्थना पत्र को राज्यसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने की वजह से स्वीकार करने से मना कर दिया है। बसपा के 6 विधायक 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन पर दलबदल का मामला चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि 5 जून को बसपा की राज्य इकाई ने व्हिप जारी कर कांग्रेस में शामिल होने वाले 6 विधायकों को भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के पक्ष में मतदाने करने के निर्देश दिए थे। बसपा प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, लाखन मीना, दीपचंद खैरिया, संदीय यादव, जोगिंदर अवाना और वाजिब अली से व्हिप में कहा कि आप बसपा के चुनाव चिन्ह पर जीते हैं। इसलिए पार्टी व्हिप के अनुसार काम करने के लिए बाध्य है। राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने दूसरी सीट के लिए निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन दिया है। ऐसे में अगर हाईकोर्ट याचिका खारिज नहीं होती तो कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाती है।
सोर्स-livehindustan