राजस्थान: राजस्थान विधानसभा में सोमवार का दिन हंगामेदार रहा। बीजेपी और आरएलपी ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाकर सदन से वाॅक आउट किया। शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में इंडियन पीनल कोड की जगह गहलोत पीनल कोड लागू है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में गैंगस्टर्स की हिम्मत देखिए मुझे और अभिषेक महर्षि को धमकियां दी जाती हैं। लाडनूं विधायक मुकेश भाकर से रंगदारी वसुलने की कोशिश की जाती है। वहीं मुंडावर विधायक से रंगदारी वसूल कर ली जाती है। और इधर प्रदेश के सीएम अपनी फ्लॉप योजनाओं के वीडियो काॅन्टेस्ट करवा रहे हैं।
जनता को दिखा रहे सरकार का असली चेहरा
राठौड़ ने आगे कहा कि राजस्थान में हर सप्ताह एक निर्भया कांड होता है। कभी बेटी को जला दिया जाता है, तो कहीं पर स्कूल में बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना होती है। हम प्रदेश की जनता को सरकार का असली चेहरा दिखा रहे हैं। और अगर सरकार को लगता है कि वह सही है तो प्रदेश में हुई गैंगरेप की घटनाओं के संबंध में सरकार को अपना स्पष्टीकरण सदन के पटल पर रखना चाहिए। आज राजस्थान विधानसभा में बहन-बेटियों के साथ हो रही दुष्कर्म की लोमहर्षक घटनाओं, पुलिस के टूटते इकबाल और पुलिस अभिरक्षा में गैंगवार सहित लचर कानून व्यवस्था से जुड़े तमाम मुद्दों को पुरजोर ढंग से उठाकर सरकार से जवाब मांगा। आरएलपी ने किया वाॅकआउट इससे पहले जोधपुर में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर आरएलपी ने वाॅकआउट किया। जिसमें आरएलपी के तीनों विधायक पुखराज गर्ग, नारायण बेनीवाल और इद्रा बावरी ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की।
राठौड़ और स्पीकर में हुई नोक-झोंक
प्रश्नकाल के दौरान स्पीकर सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रश्नकाल के दौरान खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से सवाल किया तो सवाल इररेलेवेंट बताकर स्पीकर ने खारिज कर दिया। इसके बाद राठौड़ बिफर पड़े और उन्होंने कहा कि सवाल अप्रासंगिक कैसे हो गया? इस पर स्पीकर नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि आप स्पीकर की मंशा पर सवाल नहीं उठा सकते। हम घास खोदने नहीं आए हैं राठौड़ ने आगे कहा कि आपका विशेषाधिकार है तो हम घास खोदने नहीं आए हैं। सवाल नहीं पूछेंगे क्या, आप दादागिरी करेंगे? यह क्या बात हो गई। स्पीकर ने कहा आसन पर आरोप नहीं लगाया जा सकता। मैं बाहर निकाल दूंगा। आपके हिसाब ने नहीं चलूंगा। मुझे डिटेक्ट नहीं कर सकते। इसके बाद सभी बीजेपी विधायक प्रश्न का बहिष्कार करते हुए सदन से चले गए।