राजस्थान मिशन 2030 के लिए ट्रान्सजेन्डर समुदाय के लिए संचालित योजनाओं पर अजमेर शहर के स्टेकहोल्डर्स और ट्रान्सजेन्डर समुदाय से चर्चा सत्र सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च संस्था के संयुक्त तत्वाधान में सीएफएआर संस्था परिसर में किया गया।
सामजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग संयुक्त निदेशक श्री प्रफुल्ल चन्द्र चौबीसा ने बताया कि ट्रान्सजेन्डर समुदाय एवं स्टेकहॉल्डर्स से सवांद करते हुए विभाग एवं ट्रान्सजेन्डर कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं पर सुझाव और नई योजनाओं के लिए सुझाव देने का आग्रह किया। प्राप्त सुझावों में ट्रान्सजेन्डर समुदाय को ट्रान्सजेन्डर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड बनाने के लिए नियमों में शिथिलता दी जाए और सरलीकरण किया जाए। ट्रान्सजेन्डर समुदाय को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास योजना से जोड़ा जाए। ट्रान्सजेन्डर समुदाय को वकिर्ंग वूमन हॉस्टल के तर्ज पर सम्भाग स्तर पर ट्रान्सजेन्डर समुदाय कम्यूनिटि सेन्टर का निर्माण हो। इसमें उनके रहने और समुदायिक गतिविधि, अन्य गतिविधि करने के लिए पर्याप्त जगह और सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हो। ट्रान्सजेन्डर समुदाय को खाद्य सुरक्षा योजना तहत सब्सिडी राशन से जोडा जाए। राजस्थान सरकार द्वारा दिए जा रहे अन्नपूर्णा किट का लाभ मिलना चाहिए।ट्रान्सजेन्डर समुदाय को अन्त्योदय राशन कार्ड में सम्मिलित किया जाना चाहिए। ट्रान्सजेन्डर समुदाय के लिए सभी सरकारी-प्राइवेट स्कूल और कॉलेज तथा नौकरियों में में 2 प्रतिशत का आरक्षण होना चाहिए। स्कूल और कॉलेज सिलेबस में ट्रान्सजेन्डर समुदाय के लिए जागरुकता और शिक्षा को पाठ्यक्रम में शिक्षा जोड़ा जाए। ट्रान्सजेन्डर समुदाय को अपशब्द पुकारने और मानहानि के के लिए कानून बनना चाहिए। उसमें दण्ड का प्रावधान हो। ट्रान्सजेन्डर समुदाय को व्यनूतम 2500 मासिक पेंशन सहायता शुरू की जाए। ट्रान्सजेन्डर समुदाय के लिए किसी भी भर्ती आवेदन, स्कूल कॉलेज भर्ती आवेदन मे अलग से कॉलम होना चाहिए। ट्रान्सजेन्डर समुदाय को कौशल विकास योजना के तहत अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 10 लाख तक रूपये 25 प्रतिशत सब्सिडी लोन उपलब्ध कराया जाए। ट्रान्सजेन्डर समुदाय के लिए सम्भाग स्तर पर विशेष कौशल विकास केन्द्र खोला जाए। इससे ट्रान्सजेन्डर समुदाय प्रशिक्षण लेकर अपना स्वरोजगार शुरू कर सके।