राजस्थान टैक्स बोर्ड बंद होने की कगार पर

Update: 2023-07-01 08:26 GMT

अजमेर न्यूज़: आमताैर पर अदालताें में मुकदमे दर्ज अधिक हाेते हैं और निपटारा कम हाेता है इससे पेंडेंसी बढ़ती रहती है। इसके उलट राजस्थान कर बाेर्ड में मुकदमाें के दर्ज हाेने के मुकाबले निस्तारण की गति 500 फीसदी चल रही है। इसी गति के कारण अजमेर में चल रहा राज्यस्तरीय राजस्थान कर बाेर्ड बंद हाेने के कगार पर भी पहुंच चुका है। कर बाेर्ड में पिछले 6 माह में 126 मुकदमे दर्ज हुए जबकि निस्तारण 684 का हुआ। अब प्रति माह सिर्फ 21 मुकदमे ही दर्ज हाे रहे हैं।

जीएसटी लागू हाेने बाद से साल दर साल लगातार ऐसी ही स्थिति बनी है। पिछले 5 सालाें में कर बाेर्ड में केवल 3 हजार 870 मुकदमे दर्ज हुए जबकि निपटारा 6 हजार 928 का निपटारा हुआ। कर बाेर्ड में अब महज 4 हजार 497 मुकदमे ही पेंडिंग है। जबकि यह कर संबंधी मामलाें का राज्यस्तरीय अपीलीय न्यायालय है। यही स्थिति रही ताे सरकार कर बाेर्ड के शेष मुकदमाें काे राजस्व मंडल में ट्रांसफर कर सकती है क्याेंकि 1985 में राजस्थान कर बाेर्ड (राजस्थान विक्रय कर अधिकरण) के गठन के बाद राजस्व मंडल से स्टांप व आबकारी एक्ट सहित अन्य मुकदमे राजस्थान कर बाेर्ड में ट्रांसफर किए गए थे।

साल दर साल एडमिशन कम, डिस्पाेजल अधिक

2017 में कर बाेर्ड में 2 हजार 86 मुकदमे दर्ज हुए, जबकि 2018 में 1 हजार 675। पिछले पांच साल के आंकड़े देखें ताे वर्ष 2019 में 1548 दर्ज हुए और 1441 का निपटारा हुआ। वर्ष 2020 में 891 मुकदमे दर्ज हुए, जबकि 800 का निपटारा हुआ। वर्ष 2021 में 776 मुकदमे दर्ज हुए, जबकि 1579 का निपटारा हुआ। वर्ष 2022 में 529 मुकदमे दर्ज हुए, जबकि निपटारा 2 हजार 224 का हुआ। वहीं इस वर्ष जनवरी से जून तक 126 मुकदमे दर्ज हुए और निपटारा 684 का हुआ।

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