राजस्थान मिशन- 2030 नहरी तंत्र को सुदृढ करने, जल उपभोक्ता संगमों को सशक्त बनाने पर जोर

Update: 2023-09-06 13:06 GMT
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पहल पर चलाए जा रहे राजस्थान मिशन-2030 के तहत विजन दस्तावेज तैयार करने जल संसाधन विभाग से संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श बैठक जल संसाधन संभाग, सभागार उदयपुर में आयोजित हुई।
जल संसाधन खंड के अधिशासी अभियंता अनिल कुमार थालोर ने बताया कि बैठक में जल क्षेत्र से संबंधित हितधारकों ने भाग लिया। इसमें मुख्य रूप से जल उपयोगिता संगमों के अध्यक्ष, गैर सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, औद्योगिक जल क्षेत्र, प्रगतिशील कृषक, पत्रकार, सेवानिवृत अधिकारियों तथा विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रारंभ में विभाग की ओर से उदयपुर जिले में स्वीकृत तथा प्रगतिरत कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। सभी प्रतिभागियों ने प्रशंसा करते हुए नहरी तंत्र के सुदृढीकरण, जल उपयोगिता संगमों को सशक्त करना, वाटर मास्टर की नियुक्ति, डब्ल्यूयूए संगठनों को विद्युत कनेक्शन कृषि श्रेणी में दिया जाना आदि प्रमुख सुझाव रखे। गैर सामाजिक संगठनो द्वारा छोटी छोटी माइक्रो सिंचाई परियोजनाओं पर सोलर आधारित लिफ्ट लगा कर उनको आत्मनिर्भर बनाए जाने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में विभिन्न डब्ल्यूयूए संगठनों के अध्यक्ष, सदस्य, किसान संघ के प्रतिनिधियों तथा जल संसाधन विभाग उदयपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेश कुमार टेपण, जल संसाधन संभाग के अधीक्षण अभियंता मनोज जेन एवं संभाग के अधिशाषी अभियंता बी.पी. जोशी, खुशबु जोशी एवं जल संसाधन वृत से अधिशीषी अभियंता देवपाल सिंह सुमन एवं सहायक अभियंता अक्षिता कुमारी एवं जल संसाधन खंड़ से अनिल कुमार थालोर एवं सहायक अभियंता निरमल कुमार मेघवाल, कमल पुरोहित आदि उपस्थित रहे।
यह आए सुझाव
बैठक में हितधारकों ने नवीन बांधों का नाम किसी देशभक्त/महान व्यक्ति यथा फौजी, शहीद आदि के नाम रखने, प्रेशर सिंचाई पद्धति (स्प्रिंकलर/ड्रीप) अपनाकर वंचित क्षेत्र को सिचिंत करने, नहरों एवं बांधों की सुरक्षा दृष्टि हेतु वर्ष पर्यन्त कार्मिकों की नियुक्ति किए जाने, नहरों में वाष्पीकरण एवं अनधिकृत उपयोग को रोकने हेतु नहरों का पाईपलाईन द्वारा सिंचाई पद्धति का उपयोग करने, बांधों पर उचित सुरक्षा एवं लाईटिंग का प्रबंध करने, कच्ची नहरों को पक्का किए जाने, डब्ल्यूयूए की भागीदारी बढाने, अध्यक्षों एवं सदस्यों को मानदेय देने, बेलदार, चौकीदार एवं अन्य कार्यप्रभारी कर्मचारियों आदि के पदों को पुनः बहाल करने, छोटे-छोटे तालाबों को पुनः विभाग में हस्तानान्तरित करने, बांधो/नहरों की जमीन पर अतिक्रमण रोकने विशेष प्रावधान किए जाने का सुझाव दिया। इसी प्रकार डब्ल्यूयूए के अधिकारों को बढाने, नियमों का सरलीकरण किए जाने तथा समय-समय पर कार्यशालाओं का आयोजन करवा कर सदस्यों एवं कृषकों को नियमों की जानकारी दिए जाने, माइनरों पर गेट लगाए जाने, नहरों के संचालन के दोरान अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा जल के उपयोग पर पूर्ण पाबन्दी लगाने, पटवारी का पद पुनः सृजित करने सहित अन्य सुझाव आए।
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केप्शन मिशन जल संसाधन। उदयपुर। राजस्थान मिशन- 2030 को लेकर जल संसाधन विभाग सभागार में आयोजित बैठक में शामिल अधिकारी एवं हितधारक।
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