राजस्थान में आज से शुरू होगा राजस्थान विधानसभा का सत्र

Update: 2023-07-14 08:55 GMT

राजस्थान:  राजस्थान विधानसभा का शुक्रवार से प्रारंभ हो रहा सत्र हंगामेदार रहने की उम्मीद है। 15वीं विधानसभा का यह अंतिम सत्र होगा। करीब पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्र में अशोक गहलोत सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित करवाने का प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा,सरकार न्यूनतम गारंटी मजदूरी विधेयक पारित करवाएगी। विधेयक को लेकर मंत्रिमंडल में सहमति हो गई है। साथ ही सत्र के दौरान महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट आफ गवर्नेंस और सोशल साइंस विधेयक,राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल विधेयक,संगठन अपराध नियंत्रण विधेयक और भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक करने और नकल करवाने वालों को सख्त सजा के प्रावधान का विधेयक पेश पेश किए जाएंगे। सरकार को उम्मीद है कि बहस के बाद ये विधेयक पारित हो जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को कार्य सलाहकार समिति की बैठक हुई। बैठक में सदन की बैठक 18 जुलाई तक करने का निर्णय लिया गया। हालांकि सत्र दो से तीन दिन तक और चल सकता है।

गहलोत ने फिर सामाजिक सुरक्षा कानून की मांग की विधानसभा सत्र प्रारंभ होने से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों से संवाद करते हुए सीएम गहलोत ने एक बार फिर केंद्र सरकार से सामाजिक सुरक्षा कानून बनाने की मांग की है। गहलोत ने कहा,प्रदेश में करीब एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। केंद्र सरकार कानून बनाएगी तो लोगों को फायदा होगा।

भाजपा सरकार को घेरेगी

विधानसभा सत्र प्रारंभ होने से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ की अध्यक्षता हुई बैठक में गहलोत सरकार को घेरने पर रणनीति बनाई गई। भाजपा ने सरकार को घेरने के लिए सात मुददे तय किए हैं। इनमें पहला मुददा कानून व्यवस्था, दूसरा किसान कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं होना, तीसरा भ्रष्टाचार, चौथा बेरोजगार और भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक, पांचवा मुददा बिजली की दरों में बढ़ोतरी और छठा मुददा प्रशासनिक लापरवाही होगा।

सातवां मुददा बिपरजॉय तूफान से प्रभावित हुए किसानों और अन्य लोगों को मुआवजा देने की मांग व तूफान से हुई तबाही के बाद भी आधारभूत संरचनाओं को अभी तक ठीक नहीं किया गया है। बैठक के बाद राठौड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा,कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मेरे निजी जीवन पर जो बयान दिया है वह मानसिक तौर पर विचलित व्यक्ति ही दे सकता है। उन्होंने कहा कि मैने मनोचिकित्सकों से सलाह ली तो उन्होंने बताया कि इस तरह के बयान सेकेंड बिहेवियर डिसआर्डर से ग्रसित व्यक्ति ही दे सकता है। वहीं प्रतिपक्ष के उप नेता सतीश पूनिया ने कहा,हमारी सरकार आने पर डोटासरा जैसे लोगों के लिए अस्पताल में अलग से वार्ड बनाना पड़ेगा।

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