ठगी करने वाला विधानसभा कर्मचारी पर चला राजस्थान सरकार का डंडा
सीएम ने दिए निंलबन के आदेश
राजस्थान: राजस्थान विधानसभा में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सरकारी नौकरी में भर्ती के नाम पर ठगी कर रहा था। उसने किसी को इसकी भनक नहीं लगने दी, जब इसकी शिकायत हुई तो स्पीकर वासुदेव देवनानी ने प्रतिकूल आचरण को देखते हुए उसे गुरुवार को सस्पेंड कर दिया। देवनानी का कहना है कि प्रारम्भिक जांच में दोषी पाए गए विधानसभा सचिवालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नितिन शर्मा को निलम्बित किया है। कर्मचारी पर राजस्थान विधानसभा व अन्य भर्ती एजेंसियों में नौकरी लगाने के नाम से रेखा शर्मा, अमित कुमार मीणा व कई अन्य व्यक्तियों से लाखों रुपए की राशि हड़पने के मामले में सांगानेर थाना पुलिस तथा कोटपूतली में ठगी का मामला दर्ज कराया था। कर्मचारी शर्मा पर राजस्थान विधानसभा व अन्य भर्ती एजेंसियों में नौकरी लगाने के नाम से रेखा शर्मा, अमित कुमार मीणा व कई अन्य व्यक्तियों से लाखों रुपए की राशि हड़पने के मामले में सांगानेर थाना पुलिस तथा कोटपूतली में ठगी का मामला दर्ज कराया था।
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा और अन्य भर्तियों में नौकरी दिलाने के नाम पर रेखा शर्मा, अमित कुमार मीना और कई अन्य लोगों से लाखों रुपए ऐंठने के मामले में सांगानेर थाने और कोटपूतली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. एजेंसियों पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शर्मा थे
मामले को लेकर सांगानेर थाना अधिकारी किशनलाल विश्नोई ने बताया कि रेखा ने करीब एक माह पहले मामला दर्ज कराया था. शिकायत में कहा गया था कि रेखा को नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 8 लाख रुपये की रकम मांगी गई थी. इस दौरान महिला ने 1 लाख रुपये ऑनलाइन और 7 लाख रुपये नकद दिये थे. दोनों के बीच विवाद हुआ तो नितिन ने उसे ऑनलाइन पेमेंट के 1 लाख रुपए लौटा दिए, बाकी रकम नहीं लौटाई तो पीड़िता ने इसकी शिकायत विधानसभा में भी की.
विधानसभा में 2014 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बने नितिन शर्मा की शिकायतें स्पीकर वासुदेव देवनानी तक पहुंचीं. लोगों ने बताया कि वर्ष 2022 में विधानसभा में चतुर्थ श्रेणी की भर्ती निकली थी। उस वक्त स्पीकर सीपी जोशी थे.
उसे भर्ती नहीं किया गया था, लेकिन आवेदन करने वालों में से कुछ लोग नितिन से मिले थे। सीकर मूल के नितिन ने भर्ती की गारंटी दी और 2-3 लोगों से 8-8 लाख रुपए ले लिए, लेकिन पहले किसी ने शिकायत नहीं की। पिछले दिनों एक महिला समेत 2 लोगों ने विधानसभा में शिकायत की थी. इसकी जांच नहीं की गई कि और कितने लोगों ने पैसे लिए।