Rajasthan टोंक। दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने के कारण जिले में प्राकृतिक आपदा (आकाशीय बिजली) गिरने की संभावना को देखते हुए आकाशीय बिजली के प्रभाव की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने आमजन के लिए तीव्र गर्जन एवं वज्रपात के दौरान क्या करें, क्या न करें के निर्देश जारी किए है।
ऽ आमजन तीव्र गर्जन सुनने पर सुरक्षित स्थान पर आश्रय लें। बिजली गर्जन के समय पेड़ों, टिन/धातु की छतों के नीचे व पास में शरण न ले। समुचित दूरी रखे और भीड़ में खड़े होने से बचे।
ऽ गड़गड़ाहट के अंतिम गर्जन के बाद कम से कम 30 मिनट के लिए गतिविधियों को स्थगित करें।
ऽ स्थानीय मीड़िया द्वारा जारी सूचना, चेतावनी एवं निर्देषों का पालन करें।
ऽ बाहरी गतिविधियों को स्थगित करें। बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और जानवरों के लिए भी सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करें।
ऽ सभी विद्युत उपकरणों को बंद करें और धातु के पाइप में विद्युत, कॉर्डेड टेलीफोन उपकरणों, उपयोगिता लाइनों, तारों और बहते पानी के संपर्क से बचे।
ऽ कंकरीट के फर्ष पर न लेटे व दिवार के साथ सट कर न खड़े हो। इसके स्थान पर पैरों के मध्य सिर को रखकर अपने आप को छोटा बनाकर पंजो के बल बैठे।
ऽ पेड़ जो इमारत की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकते है, इनकी कटाई व छटाई करें।
ऽ छत पर विद्युत सुरक्षा प्रणाली स्थापित करें।
ऽ बरामदे, कांच की खिड़कियों व दरवाजों से दूर रहे।
ऽ बैटरी संचालित रेडियों का उपयोग करें और अपने मोबाईल फोन को चार्ज रखे।
ऽ यदि आप एक बंद वाहन में है तो सड़क किनारे सुरक्षित स्थान पर वाहन रोककर उसके अंदर ही रहे।
ऽ तालाब, झीलों, जल निकायों, नावों आदि में होने पर पानी से तुरंत बाहर निकलकर सुरक्षित आश्रय स्थल पर पहुंचे।
ऽ पहाड़ी, खुले खेतों और समुद्र तटों से बचे तथा मोबाइल का उपयोग न करें।
ऽ भारत सरकार की दामिनी विद्युत सचेत ऐप का उपयोग करें।
ऽ क्षतिग्रस्त/गिरे हुए बिजली के खंबे, डूबे हुए बिजली के तारों से दूर रहे और तुरंत नजदीकी विद्युत स्टेशन व पुलिस स्टेशन को सूचित करें।
ऽ घायल व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा दें, उसे नजदीकी अस्पताल ले जाए। आवश्यकता होने पर सीपीआर दें।