राहुल गांधी आदिवासी दिवस पर मानगढ़ धाम जाएंगे

Update: 2023-07-29 05:59 GMT

जयपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी विश्‍व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) पर एक सभा को संबोधित करने के लिए राजस्थान के बांसवाड़ा जिले स्थित मानगढ़ धाम जाएंगे।

कांग्रेस बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में इस विशाल सभा की तैयारी कर रही है और इस आयोजन को आदिवासी क्षेत्रों में पार्टी द्वारा राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राज्य में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत माना जा रहा है।

मानगढ़ धाम में सभा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मानगढ़ धाम आदिवासियों की आस्था का केंद्र है और कांग्रेस विश्‍व आदिवासी दिवस के अवसर पर बड़ी संख्या में आदिवासियों को जुटाकर अपनी ताकत दिखाना चाहती है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ''हम विश्‍व आदिवासी दिवस के मौके पर 9 अगस्त को मानगढ़ धाम में एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं। इसके लिए राहुल गांधी को निमंत्रण भेजा गया था, उन्होंने इसे मंजूरी दे दी है।"

उन्होंने कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी अब तक राजस्थान में छह सभाएं कर चुके हैं। मोदी की छह सभाओं में जितने लोग आए थे, उससे कहीं ज्यादा लोग मानगढ़ में विश्‍व आदिवासी दिवस की सभा में आएंगे।"

यह देखते हुए कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की वर्षों से मांग हो रही थी, डोटासरा ने कहा : "प्रधानमंत्री ने उस पर एक शब्द भी नहीं कहा। हम चाहेंगे कि हमारी सरकार राहुल गांधी की मौजूदगी में ऐसा उपहार दे, इसलिए कि उनका उत्साह बना रहे। हम इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित नहीं कर सकते, लेकिन हम इस दिशा में घोषणा कर सकते हैं, जो आदिवासियों के बीच हमेशा एक स्मृति के रूप में बनी रहती है।"

उन्‍होंनेे कहा, "आदिवासी भाइयों के बीच राहुल गांधी का आना और हम सबका वहां जाना कोई राजनीतिक नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश है कि हम उनके साथ खड़े हैं। आदिवासियों के कल्याण और प्रगति के लिए हम जो भी कर सकते हैं, करेंगे। हम उनके सुख-दुख में भागीदार बनेंगे।"

राहुल गांधी की मौजूदगी में सीएम अशोक गहलोत आदिवासी वोटों को साधने के लिए कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

मानगढ़ धाम के विकास के लिए एक परियोजना की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।

सूत्रों ने बताया कि चुनावी साल को देखते हुए गहलोत आदिवासी क्षेत्र के लिए कुछ और घोषणाएं करेंगे।

आदिवासी वोट कांग्रेस का पारंपरिक वोट रहा है, लेकिन पिछले कुछ चुनावों में भाजपा और स्थानीय पार्टियों ने इसमें सेंध लगाई है। बीटीपी और एक नई पार्टी कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ रही है, कांग्रेस के सामने आदिवासी बहुल बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर में सीटें जीतने की चुनौती है, क्योंकि राजस्थान में आम धारणा है कि जो पार्टी आदिवासी इलाकों में ज्यादा सीटें जीतेगी, सरकार उसी की बनेगी।

Tags:    

Similar News

-->