न्यायपालिका पर सवाल उठा फंसे अशोक गहलोत, बीजेपी बोली- मानसिक दिवालिया हो चुके हैं राजस्थान के CM
मानसिक दिवालिया हो चुके हैं राजस्थान के CM
न्यायपालिका में कथित भ्रष्टाचार को लेकर की गई अपनी टिप्पणी की वजह से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. बीजेपी इस मामले को लेकर जहां गहलोत पर ज़ुबानी हमले कर रही है, वही दूसरी तरफ़ ये मुद्दा अदालत की चौखट तक पहुंच चुका है. कुछ ही महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी इस मुद्दे पर गहलोत को घेरने में जुटी हुई है. बीजेपी ने कहा है कि गहलोत राजस्थान में अपनी हार देख रहे हैं. गहलोत की टिप्पणी उनकी हताशा और मानसिक दिवालयापन बता रही है.
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत में बुधवार को न्यायपालिका पर जमकर हमला बोला था. गहलोत ने कहा था कि आज ज्यूडिशियरी में भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है. मैंने सुना है कि कई वकील तो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं और कोर्ट के अंदर वही जजमेंट आता है. ज्यूडिशियरी के अंदर यह क्या हो रहा है? चाहे लोअर ज्यूडिशियरी हो या अपर, हर जगह यही हाल है. दश की हालात बेहद गंभीर हैं. इस बारे में देशवासियों को सोचना चाहिए.
गहलोत का ये बयान उनके गले की हड्डी बन गया है. बीजेपी के बड़े नेता अब इस मामले में गहलोत पर सीधा निशाना साध रहे हैं. बीजेपी के राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी में गुरुवार को इस मुद्दे पर गहलोत को घेरा. बीजेपी जहां गहलोत की इस टिप्पणी को उनकी हताशा और मानसिक दिवालयापन बता रही है, वहीं बीजेपी विधि प्रकोष्ठ से जुड़े नेता और वकील योगेन्द्र सिंह तंवर ने गहलोत के ख़िलाफ़ राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस को एक चिट्ठी लिखकर गहलोत से उनकी टिप्पणी के लिए माफ़ी मंगाने की मांग की है.
गहलोत के बयान पर हाईकोर्ट में दायर हुई पीआईएल
इस बीच राजस्थान हाईकोर्ट के एक वकील शिव चरण गुप्ता ने गुरुवार को गहलोत के बयान को लेकर एक पीआईएल भी दायर की है. हालांकि इस याचिका को अभी तक कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया है. अगर ये पीआईएल कोर्ट ने मंज़ूर कर ली तो सीएम गहलोत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.