पुष्कर पशु मेला : अव्यवस्थाओं के बीच आज से हुआ आगाज..मेले पर हावी कोविड शर्तें

पुष्कर(अजमेर). देश दुनिया में अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेला तमाम सरकारी शर्तों के साथ आज से शुरू हो गया. हिंदू आस्था के पवित्र और पौराणिक तीर्थ पुष्कर में ब्रह्माजी का मंदिर है.

Update: 2021-11-08 13:58 GMT

जनता से रिश्ता। पुष्कर(अजमेर). देश दुनिया में अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेला तमाम सरकारी शर्तों के साथ आज से शुरू हो गया. हिंदू आस्था के पवित्र और पौराणिक तीर्थ पुष्कर में ब्रह्माजी का मंदिर है.

हर वर्ष दिवाली पर्व के बाद कार्तिक मास में पुष्कर में पशु मेला लगता है. मेले में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आवक होती है. 2 साल से कोरोना महामारी के कारण पुष्कर का पर्यटन और पशुपालन व्यवसाय ठंडा था. इस बार कोरोना गाईड लाइन के तहत पशु हाट मेला आयोजित किया जा रहा है.
पशु मेले का इतिहास
पुराने समय में जब परिवहन के साधन इतने उन्नत नहीं थे, तब पुष्कर तीर्थ में कार्तिक स्नान करने और ब्रह्मा मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु अपने साथ पशुओं को लाया करते थे. धीरे-धीरे यह धार्मिक यात्रा पशुओं के क्रय विक्रय का बड़ा मंच बन गई. तभी से पुष्कर की पहचान एक धार्मिक स्थल के साथ-साथ पशुओं के क्रय-विक्रय के बाजार के रूप में भी स्थापित हो गई. इसे अंतराष्ट्रीय पुष्कर पशु एवं धार्मिक मेले के रूप में पहचान मिल गई.
देशभर से आते हैं पशुपालक
देशभर से इस मेले में पशुपालक आते हैं. उनकी आमदनी का मुख्य जरिया बन चुका यह मेला 2 साल बाद आयोजित किया जा रहा है. कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार ने कोरोना की नई गाइडलाइन के तहत पुष्कर अंतरराष्ट्रीय पशु मेले पुष्कर पशु हाट मेले के रूप में आयोजित किया है. यानी धार्मिक उद्देश्य से लोग पुष्कर यात्रा नहीं कर पाएंगे. जबकि पशुपालक इस मेले में शर्तों के साथ शामिल हो सकते हैं.
पहले दिन आए सिर्फ 297 पशु
पशुपालन विभाग ने 8 नवम्बर से 21 नवम्बर तक नए मेला मैदान में चलने वाले इस हाट में पशुओं की गणना के लिए 10 चौकियां बनाई हैं. दो मोबाइल टीमें पशुओं की आवक पर नजर रखेंगी. पुष्कर पशु हाट मेला क्षेत्र में पशुपालन विभाग ने 100 कर्मचारियों की नियुक्ति की है. नए मेला क्षेत्र में बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. पुष्कर मेले के पहले ही दिन पशुपालकों की पुष्कर पशु हाट मेले के प्रति उदासीनता साफ नजर आई. पशु हाट मेले के पहले दिन 1 गोवंश, 134 ऊंट वंश, 163 अश्व वंश और कुल 297 पशुओं की आवक हो पाई.


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