मणिपुर की घटनाओं को लेकर पीयूसीएल व अन्य संगठनों ने समाहरणालय के बाहर किया प्रदर्शन

Update: 2023-07-30 11:15 GMT
करौली। करौली मणिपुर की घटना को लेकर पीयूसीएल व अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को समाहरणालय के बाहर प्रदर्शन किया. मणिपुर में हिंसा के विरोध में जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय में पीयूसीएल कार्यकर्ताओं एवं अन्य संगठनों द्वारा राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू के नाम जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है. राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर मणिपुर में शांति बहाली और मुख्यमंत्री वीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की. इस दौरान पीयूसीएल कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. मणिपुर में पिछले 80 दिनों से जारी राज्य हिंसा को लेकर कलक्ट्रेट परिसर में पीयूसीएल कार्यकर्ताओं, कौशल विकास नया सवेरा, गांधी दर्शन एवं अन्य संगठनों द्वारा राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि पिछले 80 दिनों से मणिपुर में चल रही राज्य हिंसा को लेकर केंद्र सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और कानून का शासन बहाल करना चाहिए।
सांप्रदायिक भीड़ द्वारा स्थानीय कुकी आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र करना, अत्याचार, हिंसा, सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाओं में तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए और पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए। साथ ही मुख्यमंत्री वीरेन सिंह को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. साथ ही प्रगतिशील महिला महासंघ की टीम पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाते हुए मुकदमा वापस लेने की मांग की. इस दौरान कई अन्य घटनाओं पर भी विरोध जताया गया और कार्रवाई की मांग की गयी। मणिपुर में पिछले 80 दिनों से चल रहे घटनाक्रम पर दुख व्यक्त करते हुए कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई. इस दौरान प्रधानमंत्री पर मणिपुर को लेकर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए बयान देने की मांग की. महिलाओं पर अत्याचार और ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। मणिपुर मामले में पीड़ितों को न्याय और दोषियों को तत्काल मौत की सजा देने की मांग की. इस दौरान सुमन बैरवा, पूजा सेन, शीतल, मनीषा माली, शारदा मीना, प्रेम सिंह माली, अशोक चतुर्वेदी, अंजू तारबड़, अंजू बैरवा सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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