ज्वालामुखी। वेद धारा ग्लोबल स्कूल में पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर स्कूली छात्रों के लिये पर्यावरण जागरूकता पर कई कार्यक्रम स्कूल परिसर में आयोजित किये गये। जिनमें छात्रों में बढचढ कर भाग लिया।
इस अवसर पर स्कूल प्रबंधक निगम शर्मा व प्रधानाचार्य मनोज जोशी ने छात्रों को पर्यावरण संरक्षण पर दुनिया भर में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। स्कूल प्रबंधक निगम शर्मा ने कहा कि देश और दुनिया में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। यह एक दिन हमारे लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में प्रदूषण के कारण सबसे ज्यादा प्रकृति को प्रभाव होता है। जिसे रोकने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इसके तहत लोगों को जागरूक किया जाता है कि वह भूलकर भी ऐसी गलती ना करें जिससे पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचे। 5 जून 1972 को पहला पर्यावरण सम्मेलन मनाया गया जिसमें 119 देशों ने भाग लिया। पहला विश्व पर्यावरण सम्मेलन स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में मनाया गया था। इसी दिन यहां पर दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें भारत की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भाग लिया था।
प्रधानाचार्य मनोज जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस है। दुनियाभर के तमाम देश पर्यावरण दिवस मना रहे हैं। मानव और प्रकृति का गहरा नाता है। जहां प्रकृति है, वहां जीवन है और जब इसी प्रकृति को क्षति पहुंचती है तो जीवन पर भी असर पड़ता है। प्रकृति मानव के स्वस्थ जीवन के लिए बहुत कुछ देती है। बदले में मानव पर्यावरण दूषित करता है और प्रकृति का दोहन करता है। जिससे समय के साथ पर्यावरण व प्रकृति नष्ट होती जा रही है। कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं का कारण भी पर्यावरण बन सकता है। इसे संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए 5 जून को हर साल पर्यावरण दिवस मनाते हैं।