भरतपुर न्यूज: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में जहां गुरुवार को निजी अस्पताल बंद रहे, वहीं सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर काम पर लौट आए. आरबीएम, जनाना व नेत्र चिकित्सालय की ओपीडी में 754 मरीज इलाज के लिए पहुंचे, जबकि 157 मरीज भर्ती भी हुए। ऐसे में सब कुछ सामान्य रहा, वहीं निजी अस्पताल के डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े हैं और सरकार भी झुकने को तैयार नहीं है. निजी अस्पतालों में पिछले 12 दिनों से सन्नाटा पसरा है, आईएमए के डॉक्टर खुद निजी अस्पतालों की निगरानी कर रहे हैं. उनकी सतर्कता पर लगातार नजर रखी जा रही है और निजी अस्पताल में कोई मरीज भर्ती या इलाज कराते पाये जाने पर जुर्माना लगाने जैसी सख्ती बरती जा रही है.
निजी अस्पतालों में हड़ताल की जानकारी आम लोगों को होने के कारण अब वे सरकारी अस्पतालों की ओर रूख कर रहे हैं या ऑपरेशन आदि स्थगित किए जा रहे हैं. आगरा व मथुरा के पास होने से बाहर निकल रहे इमरजेंसी वाले मरीज मामूली इमरजेंसी वाले मरीज इलाज के लिए जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं. आरबीएम व जनाना अस्पताल व नेत्र चिकित्सालय में ओपीडी में मरीजों को देखा जा रहा है और जरूरी मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है. वहीं ऑपरेशन व डिलीवरी आदि भी हो रही है। आरबीएम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि सभी डॉक्टर ड्यूटी पर लौट आए हैं और 30 मार्च की शाम पांच बजे तक आई रिपोर्ट में आरबीएम अस्पताल की ओपीडी में 566 मरीज देखे गए.