दौसा में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर प्रेसवार्ता का आयोजन

Update: 2023-09-11 12:29 GMT
दुनिया भर में हर साल लाखों लोग आत्महत्या कर रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है। इसे रोकने के लिए ऎसे व्यक्ति की मनोदशा को भाँप कर उसको जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करना,उसके मन की बात सुन कर उसका दर्द बाँटना और उसकी यथासंभव सहायता करना मानवीय धर्म है। ऎसा करने से सिर्फ सम्बंधित व्यक्ति की जान ही नहीं बचती, बल्कि उसके परिवार पर आने वाली तमाम विपदाएँ भी दूर होती है।
सोमवार को जिला चिकित्सालय के कोविड सेंटर में आयोजित विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुये मेडीकल कालेज के कन्ट्रोलर डा0 राजेन्द्र यादव ने यह बात कही। उन्होने कहा कि राजस्थान के कई क्षेत्रों से बच्चों द्वारा आत्महत्या की खबरें हमें अंदर तक हिला देती है।जो युवा हमारी ताकत है,देश का भविष्य है,वह सपनों की ऊँची उड़ान भरते-भरते कभी-कभी ऎसा गलत कदम उठा लेते हैं। वे यह नहीं सोचते कि ऎसे दुखदायी फैसले से हमारे उन अभिभावकों पर क्या बीतेगी,जिन्होंने हमें यह सुंदर जीवन दिया। ऎसे में परिवार,समाज और कई हद तक सरकारों का भी दायित्व है कि वे ऎसा वातावरण दें,जिससे कि हमारे बच्चे तनाव रहित रहे।
इस अवसर पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डा0 शिवराम मीना ने कहा कि खुद को मारने की इच्छा के बारे में खुलकर बात करना एक आत्महत्या योजना का विकास, इसे पूरा करने के लिए साधन प्राप्त करना है। पूर्वाभ्यास‘‘ व्यवहार, या प्रयास के लिए समय निर्धारित करना
गलत तरीके से अलविदा कहना ‘‘अब आपको मेरे बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होगी,‘‘ ‘‘काश मैं सो जाता और कभी नहीं उठता,‘‘ या ‘‘मैं इसे और नहीं ले सकता” बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक बहुत उदास होना आत्महत्या के संकेत दिखाने वाले माने जा सकते है। मानसिक बीमारी के संबंध में संकेत, लक्षण और गंभीरता कीदृष्टि से मानसिक बीमारी का दायरा व्यापक है। इसलिए, वे एकल पद के अंतर्गत नहीं आ सकते।अधिकांश मानसिक बीमारियों का निदान और पूर्वानुमान नैदानिक होते हैं, बहुत कम जांचें ही सार्थक होती हैं। नीति निर्माताओं, प्रशासन, रोगी की देखभाल करने वालों और स्वय ंरोगी द्वारा ‘वैश्विक उपेक्षा‘ के कारण शिक्षा और जागरूकता की कमी। इसलिए, विशिष्ट भौगोलिक आबादी में नशामुक्ति के लिए सभी मानसिक बीमारियों और व्यक्तियों की सक्रिय जांच और निगरानी समय की मांग है।
कार्यक्रम की शुरुआत विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस, 2023 के अवसर पर आत्महत्या की रोकथाम के लिए एक जागरूकता और प्रचार रैली के साथ की गई, जिसका उद्घाटन आर.के. जोशी के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डा शिवराम मीना ने किया। मुख्य अतिथि डा0 राजेंद्र यादव, प्राचार्य एव ंनियंत्रक, पंडित नवलकिशोर शर्मा मेडीकल कालेज, दौसा थे। डा. प्रियंका भारद्वाज, एचओडी मनोचिकित्सा व डा0 हिमांशु शर्मा नोडल अधिकारी एनएमएचपी ने अतिथियों का स्वागत किया।
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