Rajasthan में 9 जिलों को खत्म करने के फैसले पर सियासत गरमा गई

Update: 2024-12-29 05:46 GMT

Rajasthan राजस्थान: तीन संभाग और नौ जिले समाप्त करने के फैसले को जनविरोधी बताते हुए कांग्रेस ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। कांग्रेस इस मुद्दे पर विधानसभा में भी सरकार को घेरेगी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कड़ी प्रतिक्रिया दी। डोटासरा ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरा होने से पहले कांग्रेस सरकार ने बनाए गए जिलों में से 9 जिले और 3 संभाग समाप्त करने का फैसला कर लिया। यह बड़े खेद की बात है। सात दिन के राजकीय शोक के बावजूद राजस्थान सरकार ने जनविरोधी फैसला ले लिया। डोटासरा ने कहा, एक जनवरी तक राजकीय शोक है, इस दौरान हम कोई धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे। इसके बाद बड़ा जनआंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा, सेवानिवृत्त आईएएस की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिश पर संभाग और जिले बनाए गए थे।

जूली ने कहा कि हम विधानसभा में सरकार की 'रेल' चलाएंगे। सड़क से सदन तक विरोध करेंगे और फिर से जिले बनाने के लिए मजबूर करेंगे। कांग्रेस नेताओं ने कहा, भाजपा सरकार ने 12 महीने में पहला फैसला लिया है, वह भी जनविरोधी है। यह फैसला जनता के खिलाफ है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। एक तरफ जनगणना होनी है, इसलिए 1 जनवरी के बाद कुछ नहीं हो सकता और दूसरी तरफ कोर्ट बंद है, इसलिए हम कोर्ट नहीं जा सकते। ऐसे समय में यह फैसला लिया गया है। डोटासरा ने कहा, हम अलोकतांत्रिक, तर्कहीन और पर्ची के जरिए लिए गए फैसले के खिलाफ जनांदोलन शुरू करेंगे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री लगातार दिल्ली जा रहे थे। दिल्ली और जयपुर के बीच यह आना-जाना सिर्फ इसलिए चल रहा था कि जब वहां से पर्ची आए तो जनता के हितों पर कुठाराघात किया जा सके।

मुख्यमंत्री को अपना विजन दिखाना चाहिए था, उन्हें सरेंडर नहीं करना चाहिए था। इसके लिए सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी। डोटासरा ने कहा, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा दिल्ली के चक्कर से बमुश्किल बच पाए थे और आज उन्हें निपटाकर घर भेज दिया गया। वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने भी नहीं आए। अब बैरवा जनता का सामना कैसे करेंगे? उनका जिला, जिसकी वे मांग कर रहे थे, खत्म कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने डीग को बचा लिया। जूली ने कहा कि छोटे जिले बनाने से न्याय जल्दी मिलता है। मध्यप्रदेश हमसे छोटा है, लेकिन 53 जिले हैं। ये कांग्रेस ने बनाए थे, इसलिए खत्म कर दिए गए। कांग्रेस इन्हें फिर से जिले बनाएगी। इनके अलावा पांच-सात और जिले बनाने की जरूरत थी।

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