अजमेर। अजमेर नकली नोट गिरोह के सरगना शिवलाल गोदारा, शकूर मोहम्मद और संजय को दिल्ली की तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर अजमेर लाने के लिए ब्यावर कोर्ट ने बुधवार को प्रोडक्शन वारंट जारी किया। पुलिस टीम तीनों आरोपियों को लाने के लिए वारंट लेकर दिल्ली रवाना हो गई है। आरोपियों से नकली नोट गिरोह के नेटवर्क में शामिल कई लोगों के नाम उजागर होंगे। जांच अधिकारी ब्यावर थाना प्रभारी डीएसपी भूराराम खिलारी ने बताया कि तीनों आरोपी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की रिमांड पर हैं। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद बुधवार को तीनों आरोपियों को दिल्ली कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट के आदेश पर उन्हें न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया.
तिहाड़ जेल भेजने की सूचना मिलने पर पुलिस ने आरोपियों को ब्यावर कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर अजमेर लाने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने तीनों को अजमेर लाने के वारंट जारी कर दिए। आरोपी को लेने के लिए पुलिस टीम दिल्ली भेजी गई है। उन्हें गुरुवार को अजमेर लाया जाएगा। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने अजमेर गोदारा के गणेश गुवाड़ी इलाके में एक किराए के मकान से करीब 50 लाख रुपये के नकली नोट, प्रिंटिंग मशीन, लैपटॉप, कागज और अन्य सामग्री बरामद की थी. दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद ब्यावर पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी दुर्गा उर्फ दुर्गेश की निशानदेही पर घर की तलाशी ली थी और आधे छपे नोट, कागजात और अन्य सामान जब्त किया था. 22 सितंबर को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने नकली नोटों के दो सप्लायर शकूर और लोकेश यादव को गिरफ्तार किया था. ये गिरफ्तारी अक्षरधाम के पास से हुई. इनके पास से 5 लाख रुपये के नकली नोट बरामद हुए, जो 500-500 रुपये के थे. आरोपियों से पूछताछ में शिवलाल गोदारा का नाम सामने आया. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने शकूर को कुछ पैसे लेकर शिवलाल के पास भेजा और 25 सितंबर को वह भी पकड़ लिया गया. ब्यावर पुलिस ने 25 सितंबर को ही दीपक और सुरेंद्र को 50 हजार रुपए के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद सानिया नाम की महिला को पकड़ा गया और पूछताछ के बाद 26 सितंबर को दुर्गेश को अजमेर से गिरफ्तार कर लिया गया. दुर्गेश ने ही शिवलाल का नाम बताया था।